Assembly Election Results 2022: हिमाचल प्रदेश सभी 68 विधानसभा सीटों पर 12 नवंबर को मतदान हुआ था. आज (8 दिसंबर) सुबह 8 बजे से रुझान आने शुरू हो जाएंगे. हालांकि, इस बार चुनाव का मुकाबला त्रिकोणीय रहा है. आम आदमी पार्टी ने चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबले में बदल दिया था. अब इस चुनाव में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि आम आदमी पार्टी हिमाचल में खात खोलती है या नहीं या राज्य में कांग्रेस और बीजेपी की बदलती सत्ता का ट्रेंड यूहीं बरकरार रहेगा. विधानसभा चुनाव की बात करें तो राज्य में मौजूदा सरकार को बाहर कर हर बार नई सरकार लाने का लंबा राजनीतिक इतिहास रहा है. उत्तरी राज्य के हर विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress) के बीच कड़ी टक्कर रही है.


हिमाचल में बदलता ट्रेंड


1 . 1985 में विधानसभा चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 68 सीटों में से 58 सीटें जीती थीं. भारतीय जनता पार्टी ने 7 सीटें जीतीं थी. कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया था. भारत के परिसीमन आयोग की सिफारिश से निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या 68 निर्धारित की गई थी.


2. 1990 के विधानसभा चुनाव में, यू-टर्न लेते हुए जनता ने सत्ता बदल दी. बीजेपी ने 46 सीटें जीतकर लोकप्रिय जनादेश जीता जबकि कांग्रेस ने 9 सीटों पर जीत हासिल की. शांता कुमार को बीजेपी ने सीएम बनाया. 


3. 1993 के चुनावों में जनता ने फिर सरकार बदल दी. कांग्रेस ने 52 सीटें जीतीं और वीरभद्र सिंह को दूसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया. बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की.


4. इसी तरह, 2003 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 में से 43 सीटें जीतीं जबकि बीजेपी ने 16 सीटें जीतीं. वीरभद्र सिंह को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया गया.


5. 2007 में, बीजेपी ने 41 सीटों के साथ फिर से सरकार बनाई और प्रेम कुमार धूमल को फिर से सीएम के रूप में नियुक्त किया गया. उस साल कांग्रेस ने 23 सीटें जीती थीं.


6. 2012 में, कांग्रेस ने 36 सीटों के साथ-साथ फिर सरकार में वापसी की. वीरभद्र सिंह को CM बनाया गया. 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 68 में से 44 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस को 21 सीटें मिली थीं. 


1998 में रहा था दिलचस्प मुकाबला


1998 में हिमाचल में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर रही थी. उस वक्त प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस की समान सीटें रही थी. दोनों ही पार्टियों ने 68 में से 31 सीटें हासिल की थीं लेकिन 1998 में बीजेपी ने बाजी मार ली थी. बीजेपी हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने में सफल रही थी और प्रेम कुमार धूमल को सीएम नियुक्त किया गया था. अब 2022 के चुनाव को लेकर कुछ ही देर बाद आने वाले नतीजों में देखना दिलचस्प रहेगा की प्रदेश की जनता सत्ता बदलती है या नहीं. 


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