नई दिल्ली: घर परिवार, दोस्तों के बीच भी हम अक्सर बोल देते हैं.. बद-बदलू. ये शब्द अब मुहावरा सरीखा बन चुका है. राजनीति में 'आया राम- गया राम' की बदनाम परंपरा शुरू करने वाले दल-बदलू नेता की कहानी समझिए. एक ऐसा नेता जिसने देश की राजनीति को 52 साल पहले एक नया जुमला दिया था. वो जुमला था 'आया राम- गया राम'. आज 52 साल बाद भी दल-बदलू राजनीति के सबसे बड़े प्रतीक के रूप में याद किया जाता है. उस नेता का नाम था गया लाल. 1967 में हरियाणा के हसनपुरा सीट से गया लाल विधायक थे. अब हसनपुरा विधानसभा क्षेत्र का नाम होडल हो गया है. कांग्रेस से बागी होकर ये निर्दलीय विधायक चुने गये थे. 15 दिन में चार बार दल बदलकर रातों रात सुर्खियों में आ गये थे.
1966 में हरियाणा एक अलग राज्य बना. 1967 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ. पहले विधानसभा चुनाव में हरियाणा में 16 निर्दलीय चुने गये. निर्दलीय विधायकों में ज्यादातर कांग्रेस के बागी थे. तब हरियाणा के कुल 81 सीटों में जनसंघ ने 12 सीटें, स्वतंत्र पार्टी ने 3 सीटें जीती थीं. कांग्रेस ने 48 सीटें जीतकर बहुमत की सरकार बनाई थी. कांग्रेस विधायक दल के नेता भगवत दयाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इनकी सरकार दस दिन भी नहीं चल पायी. तब कांग्रेस के ही 12 दल-बदलू विधायकों ने मात्र 6 दिन में ही पार्टी छोड़ दिया. इन लोगों ने हरियाणा कांग्रेस पार्टी बना ली. इसमें गया लाल भी शामिल थे. ये सभी यूनाइटेड फ्रंट में शामिल हो गये, जिसमें जनसंघ के साथ साथ 16 निर्दलीय विधायक और स्वतंत्र पार्टी के विधायक भी थे. लेकिन वहां रहने के कुछ ही देर बाद गया लाल का मन बदला और फिर से कांग्रेस में आ गये. कांग्रेस में इस बार महज 9 घंटे रूके. फिर कांग्रेस पार्टी छोड़ी और यूनाइटे फ्रंट में चले गये. कुछ दिन के बाद फिर पाला बदला और घर वापसी की यानि फिर कांग्रेस के साथ आ गये. कांग्रेस में वापस आने के बाद कांग्रेस के तत्कालीन नेता राव बीरेंद्र सिंह उनको लेकर चंडीगढ़ पहुंचे और वहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. राव बीरेंद्र ने उस मौके पर कहा था, 'गया राम अब आया राम हैं.' इस घटना के बाद से भारतीय सियासत में दल-बदलुओं के लिए 'आया राम, गया राम' का मुहावरा की तरह इस्तेमाल होने लगा. बताया जाता है कि गया लाल दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेता थे.
हरियाणा सीटें- 90 विधानसभा का कार्यकाल- 2 नवंबर तक वोटर्स- 1.82 करोड़ बीजेपी सत्ता में
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 यहां साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला था. तब बीजेपी राज्य में 47 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. उस समय राज्य में कांग्रेस सिर्फ 15 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) को पिछले चुनाव में यहां 19 सीटें मिली थी.
लोकसभा चुनाव के आधार पर किसे कितनी सीटों पर बढ़त
· बीजेपी – 78 सीटों पर बढ़त · कांग्रेस – 10 सीटों पर बढ़त · जननायक जनता पार्टी - 2 सीट पर बढ़त
इस पाले से उस पाले
· रामकुमार कश्यप – आईएनएलडी के राज्यसभा सांसद बीजेपी में शामिल · अशोक अरोड़ा – INLD से कांग्रेस में शामिल, INLD के 15 साल तक प्रदेश अध्यक्ष रहे · जय प्रकाश - कलायत से निर्दलीय विधायक, कांग्रेस में शामिल, तीन बार सांसद भी रहें · रणबीर गंगवा - हिसार की नलवा सीट से विधायक, इनेलो से बीजेपी में शामिल · जाकिर हुसैन - नूंह से विधायक, INLD से बीजेपी में शामिल