Why BJP and Congress neglect AAP: गुजरात चुनावों में आम आदमी पार्टी के जोरदार अभियान के बावजूद भी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी चुनावों में त्रिकोणीय लड़ाई को स्वीकार नहीं कर रही है. दोनों ही पार्टियां आप को पूरी तरह से नकार रही हैं. पार्टी के दिग्गज नेताओं का कहना है कि राज्य में लड़ाई हमेशा द्विपक्षीय रही है. इस बार भी यह मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच होगा. तो वहीं दूसरी ओर आप का कहना है कि इस बार का चुनाव केवल आप और बीजेपी के बीच है क्योंकि कांग्रेस को तो केवल पांच ही सीट हासिल होगी. हालांकि सवाल है कि आखिर दोनों पार्टियों के द्वारा आप को क्यों नकारा जा रहा है? 

बीजेपी और आप का समीकरण

बीजेपी का लगातार आप को नकारने का यही तर्क रहा है कि गुजरात चुनाव हमेशा से बीजेपी, कांग्रेस के बीच रहा है. बीजेपी को यही डर है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी न केवल  कांग्रेस के लिए बल्कि बीजेपी के लिए भी वोट कटवा साबित हो सकती है. ग्रामीण क्षेत्रों में बीजेपी पहले से ही कांग्रेस से कमजोर है. ऐसे में यदि बीजेपी शहरी इलाकों में अपने वोट गवांती है तो वह राज्य में वर्षों से चली आ रही सत्ता को बनाए रहने में विफल हो सकती है. इसके अलावा आप, बीजेपी से दूर हिंदू वोटरों  को रिझाने के लिए कई कोशिशें कर रही हैं. इसी वजह से कुछ दिनों पहले केजरीवाल ने भारतीय करेंसी में लक्ष्मी- गणेश की तस्वीर होने का सुझाव रखा था. इन्हीं सभी कारणों की वजह से बार-बार बीजेपी आप को नकार रही है. 

कांग्रेस और आप का समीकरण

गुजरात विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस का मानना है कि राज्य में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर आ चुकी है जिस वजह से उन वोटों का फायदा कांग्रेस को मिल सकता है. हालांकि आप के शामिल होने से कांग्रेस के लिए यह चुनौतीपूर्ण साबित होगा. उत्तराखंड और गोवा में भले ही आप को जीत ना मिली हो लेकिन कुछ वोट शेयर होने से कांग्रेस के वोट कट गए थे. उत्तराखंड में बीजेपी को 70 में से 47 सीट हासिल हुई थी. जबकि कांग्रेस को 19 सीटों में जीत मिली थी. कांग्रेस का मानना है कि आप और बसपा ने कांग्रेस की जीत की संभावनाओं में बाधा डाली थी.

बसपा ने 2 सीटों के साथ 4.82 वोट हासिल किए थे तो वहीं आप ने 0 सीट के साथ भी 3.31 वोट लिए थे. बसपा और आप के कुल वोट 8.13 थे. इसलिए पार्टी का मानना है कि यह वोट न बंटते तो कांग्रेस उत्तराखंड में जीत सकती थी. कांग्रेस आप के विरोध में इसलिए है कि वह गुजरात में गोवा और उत्तराखंड का इतिहास नही दोहराना नहीं चाहती है. इसलिए कांग्रेस ने आप के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार किया है. बरहाल दोनों ही पार्टियों का आशंका है कि आप चुनाव में वोट कटवा साबित हो सकती है. 

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