Lok Sabha Election 2019: चुनावी मौसम में नेताओं का पाला बदलना कोई नई बात नहीं है. लेकिन आंध्र प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के इस काम में कुछ ज्यादा ही तेजी देखने को मिल रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता वी. किशोर चंद्र देव अपने समर्थकों के साथ तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) में शामिल हो गए हैं. देव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष एन.चंद्रबाबू नायडू की मौजूदगी में पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल हुए.
चंद्रबाबू नायडू ने देव के पार्टी में शामिल होने से उत्तर तटवर्ती आंध्र में अपनी स्थिति मजबूत होने की उम्मीद जताई है. देव पांच बार लोकसभा सदस्य व एक बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं. देव ने इस महीने की शुरुआत में नायडू से मुलाकात की थी और टीडीपी में अपने शामिल होने के फैसले से अवगत कराया था.
वहीं देव ने कहा कि वह राज्य व राष्ट्र के व्यापक हित में तेदेपा में शामिल हुए हैं. देव, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में 2011 से 2014 तक जनजातीय कल्याण व पंचायत राज मंत्री थे. देव को टीडीपी से अराकू लोकसभा सीट से टिकट दिए जाने की उम्मीद है.
इससे पहले आंध्र प्रदेश की वरिष्ठ कांग्रेस नेता किल्ली कृपारानी ने वाईएसआर कांग्रेस में शामिल होने के फैसले की घोषणा की थी. मलापुरम के सासंद पांडुला रवींद्र बाबू ने चंद्रबाबू नायडू का साथ छोड़ते हुए विरोधी जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी. सासंद अवंती श्रीनिवास भी टीडीपी को छोड़कर वाईएसआर कांग्रेस का हिस्सा बन चुके हैं.
बात अगर 2014 के लोकसभा चुनाव की करें तो उस वक्त तेलंगाना का गठन नहीं हुआ था. चुनाव से ठीक पहले चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने बीजेपी से गठबंधन किया था और वह राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 16 पर जीती थी, जबकि सहयोगी बीजेपी के हिस्से में तीन सीट आई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में टीआरएस को 11, वाईएसआर कांग्रेस को 9 और कांग्रेस को 2 सीटों पर जीत मिली थी. औवेसी को हैदराबाद की सीट पर जीत मिली थी.