लोकसभा चुनाव 2024 का समय आ चुका है. जून के महीने में मौजूदा केंद्र सरकार का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इससे पहले चुनाव आयोग को पूरे देश में लोकसभा चुनाव कराने हैं और 18वीं लोकसभा के प्रतिनिधियों का चयन करना है. ऐसे में किसी भी समय चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है. कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले सप्ताह चुनाव की तारीखों का एलान हो सकता है. अगर ऐसा होता है तो मुख्य चुनाव आयुक्त को अकेले यह काम करना होगा.


मौजूदा समय में राजीव कुमार चुनाव आयोग में अकेले चुनाव आयुक्त हैं. आमतौर पर चुनाव आयोग में तीन चुनाव आयुक्त होते हैं, लेकिन दो चुनाव आयुक्त की जगह खाली है. अरुण गोयल के इस्तीफे और अनूप चंद्र पांडे के रिटायर होने के बाद से दो चुनाव आयुक्त की जगह खाली हो गई है. 


अब राजीव कुमार अकेले चुनाव आयुक्त

चुनाव आयोग में अनूप चंद्र पांडे के रिटायरमेंट के बाद फिलहाल मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा अरुण गोयल ही चुनाव आयुक्त के तौर पर काम देख रहे थे, जबकि कमीशन में कुल तीन लोग होते हैं यानी इस स्थिति के बाद सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त ही बचे हैं. इसी वजह से अगर वह आने वाले सप्ताह में लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान करते हैं तो उन्हें यह काम अकेले ही करना होगा.


कैसे होगा नए चुनाव आयुक्त का चयन


नए चुनाव आयुक्त का चयन करने वाली समिति में प्रधानमंत्री, एक कैबिनेट मंत्री (जिसका चयन पीएम करते हैं) और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष शामिल हैं. यह समिति चुनाव आयुक्त के पद के लिए नाम की सिफारिश करती है. राष्ट्रपति इसी सिफारिश के आधार पर नए चुनाव आयुक्त का चयन करते हैं. चुनाव आयुक्त का कार्यकाल कुल 6 साल का होता है. मुख्य चुनाव आयुक्त की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 साल और अन्य दो चुनाव आयुक्तों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 साल होती है.

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