नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उन्होंने 'चौकीदार चोर है' टिप्पणी गलत तरीके से शीर्ष अदालत के हवाले से कहने के मामले में बिना शर्त माफी मांग ली है, इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही बंद की जानी चाहिए.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही के लिये दायर याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलों को सुना. पीठ ने इसके बाद कहा कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा.

पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने शीर्ष अदालत के हवाले से गलत बात कहने के मामले में बिना शर्त माफी मांग ली है और इसके लिये खेद व्यक्त कर दिया है. दूसरी ओर, लेखी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा कि राहुल गांधी की माफी अस्वीकार कर दी जानी चाहिए और उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए. रोहतगी ने यह भी कहा कि कोर्ट को राहुल गांधी को अपनी टिप्पणी के लिये जनता से माफी मांगने के लिये कहा जाना चाहिए.

यशवंत सिन्हा का दावा- 2002 में आडवाणी ने पूर्व पीएम वाजपेयी को दी थी इस्तीफे की धमकी, तब बची थी मोदी की कुर्सी

यह भी देखें