Chhattisgarh Elections 2023: चुनावों में कई ऐसी सीटें होती हैं जहां उम्मीदवार बड़े अंतर से जीतता है तो कई ऐसी सीटें भी होती हैं जहां हार-जीत का मार्जिन बहुत कम होता है. कई बार हजार-दो हजार वोट भी बड़ा खेल कर देते हैं. शुरुआती रुझान में आगे दिख रहे प्रत्याशी आखिर-आखिर तक महज कुछ वोटों के कारण जीत से चूक जाते हैं. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पहले कराए गए चुनावों में ऐसे मौके आए हैं जब प्रत्याशियों को बहुत कम अंतर से जीत मिली है और 2018 का चुनाव भी उससे अछूता नहीं था. यहां 15 सीटें ऐसी थीं जहां हार और जीत का अंतर 5000 वोटों से भी कम था. हम आज उन्हीं रोचक आंकड़ों को शेयर कर रहे हैं.


2018 के विधानसभा चुनाव में लगातार तीन बार से सरकार बना रही बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई थी और कांग्रेस ने सरकार बनाई थी. उस चुनाव कई ऐसी सीटें थीं जिसने कांग्रेस की जीत में अपनी अहम भूमिका तो निभाई साथ ही कई जगह मुकाबला भी बेहद जबरदस्त रहा. पिछले चुनाव ऐसी 15 सीटें थीं जहां प्रत्याशियों की हार और जीत का अंतर 5000 वोटों से भी कम था. इनमें से सात पर कांग्रेस को जीत मिली थी, जबकि चार पर बीजेपी और चार पर अन्य दलों के प्रत्याशी जीते थे.


जब 1000 वोट से भी कम अंतर पर हारे थे प्रत्याशी
पिछले चुनाव में दो सीट ऐसी थी जहां उम्मीदवार को अपने प्रतिद्वंद्वी से 1000 से भी कम वोटों के अंतर से हार मिली थी, जबकि 2 सीटें ऐसी थीं जहां हार और जीत का अंतर 1000 से 2000 वोटों के बीच था. पांच सीटों पर दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी को केवल दो से तीन हजार वोट कम मिले, यानी हार जीत का अंतर 2000 से 3000 वोटों के बीच था. वहीं, 2 सीट हार जीत का अंतर 3000 से 4000 के बीच था और चार सीटों पर हार जीत का अंतर 4000 से 5000 के बीच रहा. ये आंकड़े जाहिर करते हैं कि हारे हुए प्रत्याशियों का भी उनके क्षेत्र में प्रभाव रहा है. केवल कुछ वोटों के कारण जीत उनके हाथों से फिसल गई.


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