Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिसके लिए इन चुनावों में उतर रहीं सभी पार्टियों ने हर विधानसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. राजनीतिक पार्टियों का यही फैसला महीनों से टिकट की बाट जोह रहे नेताओं के गले नहीं उतरा और उन्होंने अपनी पार्टी के खिलाफ जाते हुए बगावत का बिगुल फूंक दिया. 


राजस्थान में कमोबेश दो बड़ी पार्टियों यानी बीजेपी और कांग्रेस के बीच यही स्थिति है. दोनों पार्टियां राज्य में सिर्फ एक दूसरे से राजनीतिक रणभूमि पर ही नहीं लड़ रही हैं. उनकी लड़ाई कई विधानसभा सीटों पर अपनी ही पार्टी के कई स्थानीय क्षत्रपों से भी है, जिन्होंने टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. इस लड़ाई में क्या बीजेपी तो क्या कांग्रेस दोनों को इस समस्या से दो चार होना पड़ा है. 


राजस्थान बीजेपी में किन नेताओं ने फूंका है बगावत का बिगुल?
राजस्थान बीजेपी में बगावत की शुरुआत दिल्ली के रास्ते वाया हरियाणा अलवर जिले से ही हो जाती है. जहां पर पार्टी ने पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल का टिकट काट दिया तो उन्होंने बिना समय गंवाए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. उन्होंने अपनी तकलीफ भी बताई. उन्होंने कहा, ' मेरा धैर्य टूट चुका है.अलवर के लोग मुझे बहुत प्यार करते हैं, मुझे उम्मीद थी कि पार्टी मुझे रामगढ़ से टिकट देगी मगर ऐसा नहीं हो सका. इसको लेकर लोगों में गुस्सा है.' 


'मैं तो गौ रक्षक भी रहां हूं फिर भी काट दिया टिकट'
सिंघल आगे कहते हैं, ऐसा लगता है पार्टी ने मुझे छोड़ दिया है. मैं पार्टी का विरोध तो नहीं करूंगा लेकिन मैं खुद के लिए वोट मांगूंगा और चुनाव जीतकर पार्टी के साथ रहूंगा. मेरी हिंदूवादी विचारधारा है और मैं तो गौरक्षक भी हूं लेकिन पार्टी ने मेरा टिकट काट दिया. मैं मजबूरी में ये चुनाव लड़ रहा हूं.'


यही कुछ हाल राजस्थान की रामगढ़ विधानसभा सीट पर है. जहां पार्टी ने सुखवंत सिंह का टिकट काट दिया तो उन्होंने भी निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया. पार्टी से बगावत की वजह बताते हुए वो कहते हैं, मेरा चुनाव लड़ने का मन नहीं था, मैंने 5 साल तक लोगों के लिए काम किया और अब यही लोग मुझे कह रहे हैं कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए. मेरे समर्थक जगह-जगह जनसभा मेरे लिए समर्थन मांग रहे हैं.


इन नेताओं के भी कटे टिकट
बीजेपी में कई ऐसे नेता हैं जो मौजूदा विधायक थे लेकिन इस बार उनका टिकट काट दिया गया है. वसुंधरा राजे के करीबी यूनुस खान ने टिकट कटने पर एक वीडियो पोस्ट कर डीडवाना में 4 नवंबर 2023 को एक जनसभा करने का ऐलान किया था. राजस्थान की नदबई विधानसभा सीट से राजा मानसिंह की बेटी का भी टिकट काट दिया गया है. दो बार से विधायक रहीं अनीता गुर्जर का भी टिकट किया है.


कांग्रेस के इन नेताओं ने की बगावत 
राजस्थान कांग्रेस में भी कमोबेश यही हालात हैं. जिन नेताओं को टिकट नहीं मिले और जिनको मिलने की उम्मीद नहीं है, उन्होंने विरोध और बगावत का रास्ता चुना है. बाड़ी से कांग्रेस के विधायक रहे गिर्राज मलिंगा के समर्थकों ने भी बाड़ी में कांग्रेस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. उसके बाद मलिंगा दिल्ली में बीजेपी के केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी के आवास पर दिखाई दिए. 


कांग्रेस ने बसेड़ी से अभी तक प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि बसेड़ी से विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा का टिकट कट सकता है. क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर एक दलित से मारपीट की थी. इसके बाद कहा जा रहा है कि बैरवा ने एससी आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. अगर उनका टिकट कटता है तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.


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