नई दिल्ली: लंबे सस्पेंस के बाद आज कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के वाराणसी से लड़ने की संभावनाओं पर विराम लगा दिया. वाराणसी के प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने अजयराय को उतारा है. कांग्रेस के इस फैसले पर अब बीजेपी हमलावर हो गई है, खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है. वित्त मंत्री जेटली ने ट्विटर पर वीडियो संदेश में कहा कि आज का नया भारत वंशवाद को खारिज कर उपलब्धियों में विश्वास करता है. ‘हमारा परिवार’ में प्रियंका गांधी का जुनून कांग्रेस पार्टी की मानसिकता को दर्शाता है.

वित्त मंत्री ने कहा, ''चुपचाप, चोरी के साथ एक अन्य व्यक्ति को कांग्रेस पार्टी ने वाराणसी में प्रधानमंत्री जी के खिलाफ उतार दिया. दो सप्ताह से अपने परिवार का गुणगान करते हुए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कह रहे थे कि प्रियंका लड़ेगी. वो भी कहती थी कि मैं तैयार हूं. मैं तो ईश्वर से प्रार्थना कर रहा था कि ये मुकाबला एक बार हो जाए. ये मुट्ठी भी खुल जाए और नया भारत इसको साबित कर दे कि वो अब वंशवाद को नहीं मानता. जो काम करते हैं, जो प्रदर्शन है केवल उनको स्वीकार करता है, इसका ये ऐतिहासिक मौका था. आखिरी समय में डर जाना और इस मुकाबले से दूर भाग जाना, ये आज कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने किया है. ये आज उनकी नैतिक हार है. भाई ने वायनाड जाकर शरण ले ली, बहन ने भागकर कहीं और शरण ले ली. चुनाव का परिणाम किस दिशा में जाएगा, इससे अपने आप ही स्पष्ट हो जाता है.''

उन्होंने कहा, ''जाहिरा तौर पर, वह मुकाबले से चुपचाप बाहर हो गयीं. प्रियंका को वाराणसी से नहीं उतारने के कांग्रेस के निर्णय से मैं बुरी तरह निराश हुआ हूं.'' गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि ''प्रियंका के आने से सब बदल जाएगा'', वाले मिथक की हवा निकल गयी है.

वाराणसी की तुलना अमेठी एवं रायबरेली से करते हुए जेटली ने कहा, ''जनता की समीक्षा के लिए कार्ड्स (तथ्य) सामने आ गये हैं. गांधी परिवार को पिछले चालीस सालों में अमेठी एवं रायबरेली की दुर्दशा के बारे में आत्ममंथन करना चाहिए और इस बात की तुलना करनी चाहिए कि प्रधानमंत्री ने वाराणसी में पिछले पांच साल में क्या किया है.''