Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड के बड़े नेता हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) को बीजेपी (BJP) ने पिछले दिनों बाहर का रास्ता दिखा दिया. अब रावत कांग्रेस (Congress) में फिर से वापसी का रास्ता तलाश रहे हैं. उनकी वापसी को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत (Harish Rawat) साल 2016 का जिक्र कर रहे हैं और उनका कहना है कि उन्हें (हरक सिंह रावत) को माफी मांगनी चाहिए. हरीश रावत ने सोमवार को एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम घोषणापत्र (ABP Ghoshnapatra) में कहा कि हरक रावत 'लोकतंत्र के दोषी' हैं. हालांकि साथ ही कहा कि अगर पार्टी के अन्य नेता सहमत होंगे तो हरक सिंह रावत का हम कांग्रेस में स्वागत करेंगे.
मंगलवार को जब हरीश रावत (Harish Rawat) के इसी बयान को लेकर हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो मेरे बड़े भाई हैं. एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम घोषणापत्र (ABP Ghoshnapatra) में कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर हरक सिंह रावत ने कहा, ''मैंने कांग्रेस के नेताओं से बात की है. प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और हरीश रावत के करीबी से बात हुई है. अब उनका जो भी फैसला होगा. हम फैसला लेंगे.''
उन्होंने कहा, ''लोकतंत्र का गुनहगार नहीं हूं, मैं हितैषी हूं. दर्द मेरे अंदर है. उस समय परिस्थितियां अलग थी. मेरे माफी मांगने से अगर उत्तराखंड का भला होगा तो मैं मांगने के लिए तैयार हूं. लेकिन उत्तराखंड के हित के लिए माफी मांगने के लिए तैयार हूं. हरीश रावत बड़े भाई हैं.''
पूर्व मंत्री ने रविवार को बीजेपी से निष्काषित किए जाने को लेकर कहा, ''प्रह्लाद जोशी (बीजेपी नेता) ने मुझे फोन किया. दिल्ली बुलाया गया. मैंने कांग्रेस नेता से तब तक बात नहीं की थी. मैं अमित शाह से मिलने आया था. एक-दो महीने पहले अमित शाह ने फोन किया. आठ मिस्डकॉल थे. मैं देख नहीं पाया. मैंने फिर कॉल किया. उन्होंने फिर कहा कि तुम्हारी हमारी दोस्ती अंतिम सांस तक रहनी चाहिए. मैंने कहा कि आपको क्यों शक हो रहा है. उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़कर मत चला जाना. मैंने कहा बिल्कुल नहीं जाऊंगा. मैं जानते हुए भी कि बीजेपी की उत्तराखंड में सरकार नहीं बनने वाली है, मैंने वचन दिया.''
उन्होंने आगे कहा, ''मैं देहरादून से दिल्ली आया. मैं ग्रीन पार्क में घर में था. रात के करीब साढ़े 10 बज रहे थे. देर हो चुकी थी. मैंने अमित शाह जी को फोन मिला ही रहा था कि सोशल मीडिया से जानकारी मिली कि आपको पार्टी से निकाल दिया गया है.''
बता दें कि पौड़ी गढ़वाल जिले की कोटद्वार विधानसभा सीट से विधायक हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) पहले कई वर्षों तक कांग्रेस में थे. पिछले विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत समेत कई कांग्रेस नेताओं ने बगावत कर दी थी जिससे तत्कालीन हरीश रावत सरकार संकट में आ गई थी. फिर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा.