ज्यादा फोन चलाने से बच्चों की पढ़ाई पर खासा असर पड़ रहा है. इस बात का खुलासा एक स्टडी में हुआ है. आइए जानते हैं बच्चों के फोन चलाने को लेकर क्या कहती है ये स्टडी. रिसर्च में सामने आया है कि ज्यादा स्क्रीन टाइम बच्चों की बेसिक मैथ्स और पढ़ने की समझ पर बुरा असर डाल रहा है. एक्सपर्ट्स के अनुसार बच्चे किसी भी प्रॉब्लम को हल करते वक्त ज्यादा देर तक फोकस नहीं कर पाते है जिसका सीधा असर उनकी पढ़ाई और व्यवहार पर पड़ रहा है.

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टेक्नोलॉजी के इस दौर में बच्चे पढ़ाई के लिए मोबाइल, टैबलेट या लैपटॉप का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हैं खासकर कोविड के बाद ऑनलाइन क्लासेस की वजह से उनका स्क्रीन टाइम बहुत बढ़ गया है लेकिन रिसर्च बताती है कि नहीं बढ़ता स्क्रीन टाइम बच्चों की पढ़ाई पर नकारात्मक असर डाल रहा है यहां तक कि जिन बच्चों का स्क्रीन टाइम ज्यादा है उनके मार्क्स में 10% तक की गिरावट पाई गई है. यह स्टडी TARGet Kids! नेटवर्क के तहत किया गया है. जिसमें डॉ. कैथरीन बिर्केन और डॉ. जोनाथन मैगुइयर ने अहम भूमिका निभाई है. यह भी पढ़ें  Sane Takaichi Education: कितनी पढ़ी-लिखी हैं जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री साने ताकाइची, जानें उनका एजुकेशन का सफर

रिसर्च में क्या मिला?

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दरअसल, कनाडा में 5,000 से अधिक बच्चों पर साल 2008 से 2023 तक रिसर्च की गई रिसर्च में पता चला कि जो बच्चे छोटी उम्र से ही स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताते हैं, उनकी सोचने-समझने की क्षमता धीरे-धीरे कमजोर हो रही है. हर एक एक्स्ट्रा घंटे के स्क्रीन टाइम से छोटे बच्चों की पढ़ाई 9% तक और बड़े छात्रों के मैथ्स के नंबर 10% तक घट रहे थे हालांकि, राइटिंग स्किल्स पर अधिक फर्क नहीं है. टीचर्स का कहना है कि अब बच्चे ज्यादा देर एक चीज पर ध्यान नहीं लगा पाते हैं.

नींद भी होती है प्रभावित

एक्सपर्ट्स के अनुसार स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से नींद भी प्रभावित होती है. लंबे समय तक बैठे रहना और अत्यधिक रोशनी या तेजी से बदलते रंग और आवाज वाले कंटेंट का सेवन बच्चों के दिमाग को थका देता है. खासकर आठ साल से कम उम्र के बच्चों का दिमाग बेहद संवेदनशील होता है. यह भी पढ़ें  यूपीपीएससी आरओ-एआरओ मेंस परीक्षा के लिए आवेदन शुरू, जानें पूरी प्रक्रिया और जरूरी तारीखें


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