UPSC Civil Services: यूपीएससी के नतीजे आने के बाद कई युवाओं के सपनों को पंख लगे होंगे. इनमें से बहुत सो ने आईएएस और आईपीएस बनने का सपना संजोया होगा. यूपीएससी की तैयारी में जुटे हर युवा की चाहत यूं तो आईएएस बनने की ही होती है लेकिन पिछले कुछ सालों में युवाओं में सिंघम बनकर लोगों की मदद करने और जुल्म करने वालों पर कहर बनकर टूटने के अरमान तड़पने लगे हैं. इन दो पदों के अलावा आईएफएस और आईआरएस जैसे पद भी किसी से कम नहीं हैं. आज हम इन सभी पद और उनसे जुड़े कार्यों की जानकारी देंगे.


आईएएस


यूपीएससी की परीक्षा में टॉप रैंक वाले परीक्षार्थियों को आईएएस के पद से नवाजा जाता है. लेकिन कई बार उच्च रैंक हासिल करने के बाद भी परीक्षार्थी आईपीएस आदि पदों को बतौर अपनी पसंद चुन लेता है. इससे निचले रैंक पर मौजूद परीक्षार्थियों को भी आईएएस बनने का मौका मिल जाता है. आईएएस अफसर बतौर जिलाधिकारी काफी सक्षम और सशक्त होता है. जिले की कानून व्यवस्था का संरक्षक भी जिलाधिकारी ही होता है. उसके पास कई विशेष अधिकार होते हैं जिनका इस्तेमाल वह समय आने पर करता है.


आईएफएस


इंडियन फॉरेन सर्विस यानी आईएफएस पर देश के बाहर देश की छवि को बेहतर बनाने और दूसरे देशों से संबंध सुधारने का जिम्मा होता है. भारतीय दूतावासों में काम करने वाले आईएफएस अफसरों की नौकरी का ज्यादातर समय देश के बाहर विदेशों में ही बीतता है. किन्हीं दो देशों के संबंध आईएफएस अफसरों की योग्यता पर काफी निर्भर करते हैं.


आईपीएस


आईएएस की तरह आईपीएस का पद भी टॉप रैंकर्स को ही मिलता है. पुलिस की वर्दी और रुतबे से सजी-धजी इस नौकरी को पाने को हर कोई बेताब रहता है. आईपीएस अफसर पर जिले की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी होती है. अपराध की रोकथाम और अपराधियों की धर-पकड़ कर जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखना उसकी जिम्मेदारी होती है.


आईआरएस


इंडियन रेवेन्यू सर्विस के पद पर चयनित परीक्षार्थी को वाणिज्य मंत्रालय, आरबीआई, इनकम टैक्स, कस्टम आदि विभागों में काम करना होता है. साफ है कि देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में आईआरएस अफसरों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है.


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