उत्तराखंड में इन दिनों बवाल चल रहा है. यहां यूकेएसएसएससी (UKSSSC) पेपर लीक मामले की वजह से छात्र सड़कों पर हैं और धरना दे रहे हैं. इन सब के बीच अपने हक की मांग कर रहे छात्रों पर लाठियां भी जम कर चल रही हैं. लेकिन कोई इस बात का जवाब नहीं दे रहा है कि आखिरकार ये पेपर लीक हो कैसे जाते हैं. सिस्टम में कहां है ये छेद जहां से पिछले कई सालों से पेपर लीक हो रहे हैं. आज हम आपको इन्हीं सवालों से जुड़े जवाब देंगे.


पहले उत्तराखंड वाला मामला समझिए


दरअसल, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने 13 अलग-अलग विभागों के 916 पदों पर 4 और 5 दिसंबर को ग्रेजुएट लेवल एग्जाम कराया. परीक्षा संपन्न होने के बाद, आरोप लगे कि इस परीक्षा में धांधली हुई है. यानी नकल भी कराई गई है और पेपर भी लीक हुआ है. इसके बाद अभ्यर्थियों ने विरोध-प्रदर्शन किया और सड़कों पर उतर कर जमकर बवाल काटा. जब अभ्यर्थियों का गुस्सा बढ़ा तो मामले की जांच शुरू हुई. मामले की जांच STF ने की तो पता चला कि जिसके पास पेपर सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी थी, उसी ने 36 लाख रुपये लेकर पेपर लीक करा दिया. इसके बाद तो और बवाल हो गया.


कब कहां हुआ पेपर लीक


पेपर लीक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलेगा कि पिछले कुछ सालों में देश के अलग-अलग राज्यों में कई बार पेपर लीक हुए हैं. आपको बता दें राजस्थान में पिछले 10 साल में कुल 29 बार पेपर लीक हुआ. जबकि, उत्तर प्रदेश में 10 साल में 12 बार पेपर लीक हुआ. वहीं गुजरात में पिछले 7 सालों में 13 बार पेपर लीक हुआ. मध्य प्रदेश में पिछले 3 साल में ही 5 बार पेपर लीक हुआ और बिहार में पिछले 2 सालों में 8 बार पेपर लीक हुआ. हरियाणा में पिछले 2 साल में 3 बार पेपर लीक हुआ. जबकि उत्तराखंड में, जहां इस समय बवाल मचा है, पिछले 10 सालों में 6 बार से ज्यादा पेपर लीक के मामले सामने आए.


कहां से होता है पेपर लीक


पेपर लीक कहीं से भी नहीं हो सकता है. इसके लिए शातिर अपराधी उन जगहों को निशाना बनाते हैं, जहां से पेपर आराम से लीक हो सके. आपको बता दें, पेपर लीक होने के सबसे ज्यादा चांसेस प्रिंटिग प्रेस में होते हैं, क्योंकि यहां पेपर सबसे ज्यादा लोगों के संपर्क में आता है. वहीं बैंक लॉकर से भी पेपर लीक हो सकता है क्योंकि यहां थर्ड पार्टी इन्वॉल्वमेंट होता है. तीसरी जगह जहां से पेपर लीक हो सकता है, वो है परीक्षा करवाने वाले कमीशन का  स्ट्रॉग रुम. इसके बाद नंबर आता है परीक्षा सेंटर और परीक्षा कंट्रोलर का. इन जगहों से भी हो सकता है पेपर लीक.


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