Interesting Facts About Dr. Sarvepalli Radhakrishnan: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में जितना कहा जाए कम है. वे एक फिलॉसफर थे, ऑथर थे और भारत के दूसरे राष्ट्रपति भी. स्टूडेंट्स उनका बहुत सम्मान करते थे और साल 1954 में उन्हें भारत सरकार ने देश के सबसे बड़े ऑनर भारत रत्न से नवाजा था. उनको आभार व्यक्त करने और उनके प्रति सम्मान जताने के रूप में ही हर साल 5 सितंबर यानी उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. पहला टीचर्स डे साल 1962 में मनाया गया था, ये डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का 77वां बर्थ डे था. जानते हैं डॉ. राधाकृष्णन के बारे में कुछ खास बातें.


डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन से जुड़ी खास बातें



  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म साल 1888 को तमिनलाडु के तुर्माणी नाम के गांव में हुआ था. वे एक गरीब ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे. उनके पिता गांव के ज्ञानी पंडित थे. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने एमए साइकोलॉजी की पढ़ाई की थी.

  • महज 16 साल की उम्र में उनकी शादी करा दी गई थी. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पांच बेटियां और एक बेटा था. उनकी पूरी पढ़ाई स्कॉलरशिप से हुई है. वे एक महान दार्शनिक थे. दर्शनशास्त्र के क्षेत्र में स्वामी विवेकानंद उनके आदर्श थे. उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाया.

  • उन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज, मद्रास से लेकर बीएचयू तक चांसलर के पद पर काम किया. इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू के आग्रह पर पॉलिटिक्स ज्वॉइन की. उन्होंने 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति और 1952 से 1962 तक भारत के पहले उपराष्ट्रपति के रूप में काम किया.

  • जब वे भारत के राष्ट्रपति बने, तो उन्होंने 10,000 रुपये के वेतन में से केवल 2500 रुपये स्वीकार किए और बाकी राशि हर महीने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दान कर दी. उनकी मृत्यु 17 अप्रैल 1975 के दिन हुई.

  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 1954 में भारत रत्न और 1961 में जर्मन बुक ट्रेड के शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 1963 में उन्हें ऑर्डर ऑफ मेरिट और 1975 में टेम्पलटन पुरस्कार दिया गया. 


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