Success Story Of IAS Topper Vijay Wardhan: सिरसा, हरियाणा के विजय वर्धन की सफलता की कहानी बहुत प्रेरणादायक है. जीवन में हर कोई कभी न कभी फेल होता है और बात यूपीएससी परीक्षा की हो तो यहां तो फेल्योर एकदम आम चीज मानी जाती है. लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसे कैंडिडेट के बारे में भी सुना है जो एक-दो बार नहीं पूरे 35 बार विभिन्न परीक्षाओं में फेल हुआ हो, इसके बाद भी उसने हिम्मत न हारी हो. जी हां, आज हम आपको एक ऐसे ही कैंडिडेट से मिलाने जा रहे हैं जो एक या दो बार नहीं विभिन्न परीक्षाओं मे न जाने कितनी बार फेल हुआ. यही नहीं जब बात यूपीएससी परीक्षा की आयी तो यहां भी उसे सफल होने में कई साल लग गए पर विजय ने हर हालात में खुद को सकारात्मक रखा. साल 2018 में अंततः 104वीं रैंक के साथ यूपीएससी सीएसई परीक्षा में सफल होने वाले विजय का यह पांचवां प्रयास था. इसके पहले वे चार बार यहां भी असफल रहे थे. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में विजय ने अपनी जिंदगी के विभिन्न पहलुओं और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के विषय में बात की.


इंजीनियर हैं विजय –


यूपीएससी के क्षेत्र में किस्मत आजमाने के पहले विजय ने इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और साथ ही में विभिन्न और परीक्षाएं भी देते रहे. ईश्वर विजय की कुछ ऐसी परीक्षा ले रहे थे कि वे जिस भी क्षेत्र में हाथ डालते थे वहां असफलता हाथ लगती थी. स्टेट पीसीएस, एसएससी सीजीएल/सीएचएसएल, बैंक जॉब्स, रेलेवे एनटीपीसी और ऐसे ही न जाने कितने नाम हैं जिन परीक्षाओं में विजय बैठे और हर जगह फेल हुए. कमाल की बात यह थी कि लगभग सभी परीक्षाओं का प्री फेज वे पार कर जाते थे और अंतिम चरण में आकर अटक जाते थे. ऐसा लग रहा था मानो ईश्वर हर तरह से उनकी परीक्षा ले रहा हो.


दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में विजय वर्धन ने विस्तार से बात की 



यही हाल यूपीएससी के अटेम्प्ट्स के दौरान भी रहा. कभी वे मेन्स में जाकर अटक गए तो कभी इंटरव्यू में पास नहीं हुए तो कभी सब होने के बावजूद फाइनल सूची में नाम नहीं आया. लेकिन दाद देनी होगी विजय के हौसले की कि इतना कुछ होने के बाद भी वे लगे रहे.


 


भाई के शादी के दिन आया रिजल्ट और बिगड़ा घर का मौहाल –


यूं तो विजय का पूरा जीवन ही संघर्ष भरा रहा पर उनके चौथे प्रयास का रिजल्ट जिस दिन आया उस दिन उनके भाई की शादी थी. सेलेक्शन न होने की खबर ने पूरे घर का माहौल खराब कर दिया. ऐसे में भी विजय ने हिम्मत बटोरी और सबसे ज्यादा साहस दिखाते हुए बढ़-चढ़कर शादी के कार्यक्रमों में भाग लिया. उनकी हंसी (जिसके पीछे गहरी तकलीफ छिपी थी) ने सभी का मूड बदल दिया और विजय ने यह कहकर खुद को समझाया कि एग्जाम अगले साल फिर दिया जा सकता है लेकिन भाई की शादी फिर नहीं होगी. ऐसी सकारात्मक विचारधारा के हैं विजय.


सुनो सबकी, करो मन की –


इन सालों में विजय ने बहुत कुछ सीखा पर एक जरूरी सलाह जो वे दूसरे कैंडिडेट्स को देना चाहते हैं, वह यह है कि आपको आपसे बेहतर कोई नहीं जानता इसलिए कोई कुछ भी कहे, आप सुनिए सबकी लेकिन करिए वही जो आपको ठीक लगे. जैसे उनके पांचवें प्रयास के वक्त सभी ने उन्हें वह अटेम्प्ट देने से मना किया था पर विजय ने किसी की नहीं सुनी और इसी अटेम्प्ट में चयनित हुए. इसी प्रकार तैयारी के लिए टिप्स हों या परीक्षा अटेम्प्ट करने को लेकर मिलने वाली सलाह आप अपने हिसाब से निर्णय लें.


पिछले साल के प्रश्न-पत्र तैयारी का सबसे बढ़िया तरीका हैं, इन्हें पढ़ें और सिलेबस को संभव हो तो याद कर लें. इसके अनुसार ही तैयारी करें और चाहे कितनी भी बार फेल हों पर खुद को कभी लूजर न मानें. याद रखें कि सफलता मिलने के पहले हर कोई असफल ही होता है. लोग आपको ताने मारें चाहें कुछ भी सुनाएं लेकिन किसी की बात पर ध्यान न दें. जब आप सफल हो जाते हैं तो हर किसी का मुंह बंद हो जाता है.


एक बात का ख्याल और रखें कि आप सफल होते हैं तो बहुत बढ़िया बात है लेकिन अगर नहीं भी होते हैं तो इस बात को बहुत गंभीरता से न लें. दुनिया यूपीएससी के अलावा भी है और इस दुनिया में अपनी जगह तलाशें. इसे जीवन का अंत न समझें.


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