अगर आप सिविल सर्विसेज की तैयारी करके एक सिविल सर्वेंट बनना चाहते हैं तो जुनैद की कहानी से आप प्रेरणा ले सकते है. ज्यादातर ये माना जाता है कि जो लोग पढ़ाई में बचपन से अच्छे होते हैं, केवल वही लोग सिविल सेवा में जाकर सफलता हासिल करते है. लेकिन हर साल अलग-अलग एजुकेशनल बैकग्राउंड के लोग कड़ी मेहनत करके इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हैं.


इस लेख में हम बात करने वाले हैं जुनैद अहमद की. जिनकी सफलता की कहानी से आप प्रेरणा प्राप्त कर सकते है. उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले जुनैद अहमद की प्रारंभिक पढ़ाई यहीं हुई और वे हमेशा एक एवरेज स्टूडेंट ही रहे. कुछ समय उन्होंने एएमयू अलीगढ़ में भी पढ़ाई की और उसके बाद ग्रेजुएशन इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से की.


7 साल के इंतजार के बाद मेहनत हुई सफल
ग्रेजुएशन तक जुनैद के कभी 60% से ज्यादा अंक नहीं आए लेकिन फिर भी उन्होंने  ग्रेजुएशन के बाद आईएएस बनने की ठानी और कड़ी मेहनत के दम पे यह सपना सच कर दिखाया. जुनैद ने जामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग में रहकर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी और शुरुआत के तीन प्रयास में जुनैद को असफलता प्राप्त हुई, फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार मेहनत करते रहे. चौथे प्रयास में उन्हें सफलता मिली, उनको 352 रैंक प्राप्त हुई. इस रैंक से उन्हें आईएएस सेवा नहीं मिली. फिर उन्होंने एक और प्रयास करने का निश्चय किया और पांचवें प्रयास में 3rd रैंक हासिल की. लगभग 7 सालों के लंबे सफर और प्रयास के बाद जुनैद का सपना उनकी मेहनत के कारण ही सच हुआ.


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