IAS बनने का सपना हर दूसरे युवा का होता है, लेकिन यूपीएससी की कठिन परीक्षा को पास कर पाना बेहद मुश्कि​​ल होता है. आज हम बात कर रहे हैं, एक ऐसे आईएएस अधिकारी की जो पहले आईपीएस बने और फिर कड़ी मेहनत कर आईएएस अफसर बने. हम बात कर रहे हैं आईएएस अधिकारी दीपांकर चौधरी की. उनकी प्रारंभिक शिक्षा झारखंड से हुई और इसके बाद वे दिल्ली आ गए और बाकी की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली से की. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद दीपांकर ने वर्ष 2015 में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की ओर ग्रेजुएशन पूरा होते ही उन्होंने नौकरी ज्वाइन कर ली. थोड़े समय नौकरी करने के बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी करने की ठान ली.


दीपांकर ने साल 2016 से सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी शुरू की लेकिन सिविल सर्विसेज की परीक्षा के अपने पहले दो प्रयास में दीपांकर के हाथ सफलता नही लगी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार, उन्हें तीसरे प्रयास सफलता मिली. इस प्रयास में 166 वीं रैंक के साथ उन्हें आईपीएस सेवा अलॉट की गई. दीपांकर ने ज्वाइन करने का फैसला किया लेकिन उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी जारी रखी क्योंकि उनका सपना एक आईएएस अधिकारी बनने का था. उन्होंने चौथे प्रयास में अपने सपने को पूरा कर दिखाया और इस बार उन्हें सिविल सर्विसेज की परीक्षा में 42 वीं रैंक के साथ आईएएस का पद मिला.


मेहनत के दम पर सपना किया साकार
दीपांकर बताते हैं कि इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए उन्होंने आसानी से उपलब्ध होने वाली कुछ बेसिक किताबों और फेमस राइटर्स की किताबों से तैयारी करने में मदद ली. करंट अफेयर्स के लिए मंथली मैगजीन और नियमित रूप से अखबार पढ़ते रहे साथ ही नियमित पढ़ाई के साथ ही रिवीजन करने से उन्हें काफी फायदा हुआ. उन्होंने अपनी मेहनत और तैयारी के दम पर अपने सपने को पूरा कर दिखाया.


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