हरियाणा में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है, विशेषकर नवंबर महीने में. राज्य के कई शहरों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच गया है, जो कि स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक माना जाता है. उदाहरण के लिए, जींद का एक्यूआई 500 तक पहुंच गया है, जिसका अर्थ है कि यहां सांस लेने वाला व्यक्ति एक दिन में 20 से 25 सिगरेट पीने के बराबर धुआं अपने अंदर ले रहा है.

इस बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए हरियाणा सरकार ने कक्षा 5वीं तक के सभी स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है.  यह निर्णय शिक्षा निदेशालय द्वारा सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को निर्देशित करते हुए लिया गया है. इस कदम का उद्देश्य बच्चों को प्रदूषण से बचाना और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है. आइए जानते क्या है पूरी स्थिति…

हरियाणा के 12 जिलों में घना कोहरा छाया हुआ है. पश्चिमी हरियाणा में राजस्थान के इलाकों सिरसा, फतेहाबाद और हिसार में विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम है. वहीं, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, जींद और चरखी दादरी में विजिबिलिटी 50 से 100 मीटर तक है. मौसम विभाग ने 16 नवंबर तक हरियाणा में कोहरे का ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है. वहीं राज्य के 11 शहरों में मैक्सिमम एक्यूआई 400 पार हो गया है. 

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ग्रैप प्रणाली का कार्यान्वयन

हरियाणा में ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम (ग्रैप) लागू किया गया है, जिसमें एक्यूआई स्तर के आधार पर विभिन्न प्रतिबंध लगाए जाते हैं. जब एक्यूआई 200 से ऊपर जाता है, तो ग्रैप का पहला चरण लागू होता है. यदि यह 300 को पार करता है, तो दूसरा चरण लागू होता है. वहीं, जब एक्यूआई 400 पार कर जाता है, तो गैप-3 लागू होता है. वर्तमान में हरियाणा में ग्रैप-3 लागू किया गया है, जिसके तहत कई गतिविधियों पर रोक लगाई गई है.

स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव

बच्चों और अन्य संवेदनशील समूहों पर प्रदूषण का प्रभाव गंभीर हो सकता है. धुंध और स्मॉग की स्थिति ने शहरी क्षेत्रों को अधिक प्रभावित किया है, जिससे लोगों की दैनिक गतिविधियों पर भी असर पड़ा है. इसलिए स्कूलों को बंद करने का निर्णय बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया.

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ये हैं संभावनाएं

मौसम विभाग ने हरियाणा में अगले कुछ दिनों तक मौसम परिवर्तनशील लेकिन शुष्क रहने की संभावना जताई है. हालांकि, धुंध और प्रदूषण की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है. इस प्रकार, हरियाणा सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को बंद करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया, ताकि वे इस खतरनाक वायु गुणवत्ता से सुरक्षित रह सकें.

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