पश्चिम बंगाल के उच्च शिक्षा विभाग की बड़ी पहल के तहत अब राज्य के आठ विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपतियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. लंबे समय से यह विश्वविद्यालय बिना नियमित कुलपतियों के काम कर रहे थे और फिलहाल अंतरिम कुलपति ही जिम्मेदारी निभा रहे थे. सोमवार को विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार और राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के बीच सहमति बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट में यह रास्ता साफ हुआ है.
रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले दो सालों से राज्य के कई विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई थी. राज्यपाल द्वारा अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति बिना राज्य सरकार से सलाह-मशविरा किए जाने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने नाराज़गी जताई थी. इस मुद्दे पर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और आखिरकार दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के बाद अब स्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी.
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नियुक्ति प्रक्रिया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की एक विशेष पीठ इस पूरे मामले की निगरानी कर रही है. यह प्रक्रिया पूर्व मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों पर आधारित है. फिलहाल 13 विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपतियों की नियुक्ति का मामला कोर्ट में है, जिनमें से 8 विश्वविद्यालयों के लिए अब रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है.
किन विश्वविद्यालयों को मिलेंगे नए कुलपति
कलकत्ता विश्वविद्यालय के लिए प्रख्यात शिक्षाविद् आशुतोष घोष का नाम आगे बढ़ाया गया है. वहीं जादवपुर विश्वविद्यालय में पूर्व रजिस्ट्रार और प्रो-वीसी चिरंजीव भट्टाचार्य को कुलपति बनाए जाने की संभावना है. नार्थ बंगाल यूनिवर्सिटी में पूर्व कुलपति ओमप्रकाश मिश्रा को दोबारा नियुक्त किया जा सकता है, जबकि रायगंज विश्वविद्यालय के लिए अर्णब सेन का नाम प्रस्तावित है.
गौर बंगा विश्वविद्यालय की कमान आशीष भट्टाचार्य को मिलने की संभावना है, वहीं काजी नजरूल विश्वविद्यालय के लिए उदय बंद्योपाध्याय का नाम सुझाया गया है. साधु रामचंद्र मुर्मू विश्वविद्यालय के लिए चंद्रदीपा घोष और विश्व बांग्ला विश्वविद्यालय के लिए अबू तालिब के नाम पर सहमति बन चुकी है.
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अब जल्द होगी औपचारिक नियुक्ति
राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी के मुताबिक जैसे ही राजभवन कानूनी प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए नामों की अधिसूचना जारी करेगा राज्य सरकार औपचारिक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर देगी.
पांच विश्वविद्यालयों पर अभी विचार जारी
एक अफसर ने बताया है कि अभी पांच अन्य राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के नाम पर सहमति नहीं बन सकी है. इन विश्वविद्यालयों के लिए सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में आगे होगी, जिसके बाद वहां भी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी.
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