नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) 2022 से बोर्ड परीक्षा ऑनलाइन कराने वाला भारत का पहला शिक्षा बोर्ड बनने की तैयारी कर रहा है. महामारी की वजह से फिजिकल मोड में कक्षाएं संचालित नहीं की जा सकी इस वजह से छात्रों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है. भविष्य में ऐसे किसी भी एकेडमिक नुकसान से बचने के लिए NIOS ने हाल ही में अपने 40 लाख शिक्षार्थियों के लिए अपनी तरह का पहला वर्चुअल स्कूल भी लॉन्च किया है.

वर्चुअल स्कूल भारत में ऐसा पहला स्कूल है जिसमें वर्चुअल लाइव क्लासरूम और वर्चुअल लैब्स जैसे गैर-पारंपरिक दृष्टिकोणों के माध्यम से टीचिंग और लर्निंग के पैटर्न पर जोर दिया जाएगा.

NIOS 14 भाषाओं में सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन देता है

NIOS देश का एकमात्र शिक्षा बोर्ड है जो 14 भाषाओं में सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन प्रदान करता है. कोविड की स्थिति के कारण, NIOS भी 2020 और 2021 में अपनी बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ ऑन-डिमांड परीक्षा आयोजित नहीं कर सका. सालाना यह लगभग पांच लाख उम्मीदवारों के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करता है.

NIOS फिलहाल एजुकेशन के लिए हाइब्रिड मोड का ऑप्शन चुनेगा

हालांकि, डिजिटल डिवाइड को ध्यान में रखते हुए NIOS  ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ऑप्शन को फिलहाल खुला रखते हुए हाइब्रिड मोड का विकल्प चुनेगा. डॉ राजीव कुमार सिंह, डायरेक्टर (एकेडमिक) ने के मुताबिक, “डिजिटल डिवाइड के कारण हम ऑफलाइन परीक्षा का विकल्प खुला रख रहे हैं, क्योंकि NIOS का एक मुख्य उद्देश्य पहुंच से बाहर तक भी पहुंचना है.

देश के छह लाख गांवों में से 25 हजार गांवों में अब तक इंटरनेट नहीं है. साथ ही लेटेस्ट आंकड़ों से पता चला है कि केवल 11% बच्चों की ही ऑनलाइन कक्षाओं तक पहुंच है. लेकिन हम धीरे-धीरे बोर्ड परीक्षाओं के लिए केवल ऑनलाइन मोड की ओर बढ़ेंगे.”

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