NEET Re-Exam: नीट यूजी 2024 को रद्द करके फिर से परीक्षा आयोजित करने की मांग कर रहे कैंडिडेट्स को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से झटका लगा है. कोर्ट ने साफ किया है कि सभी कैंडिडेट्स के लिए परीक्षा रद्द नहीं होगा बल्कि केवल उन उम्मीदवारों के लिए री-एग्जाम कराया जाएगा जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. इस तरह एक बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स की आशाओं पर पानी फिरा है जिन्हें एग्जाम कैंसिल होने की उम्मीद थी. सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी धांधली को लेकर कई याचिकाएं दायर हुई थी. इनमें ग्रेस मार्क्स से लेकर, पेपर लीक होने और दूसरी कई अनियमित्ताओं का मुद्दा उठाया गया था.
इन कैंडिडे्टस को मिला था ग्रेस मार्क्स का फायदा
कई सेंटरों पर कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स का फायदा दिया गया था. एनटीए का कहना था कि यहां पेपर देर से शुरू हो पाया तो समय का नुकसान बचाने के लिए ये तरीका अपनाया गया. ये सेंटर मेघालय, हरियाणा, छत्तीसगढ़, सूरत, चंडीगढ़ आदि में थे. अब इन उम्मीदवारों के लिए परीक्षा फिर से आयोजित होगी.
कई उम्मीदवारों को भाएगा फैसला
जहां एक बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स री-नीट की मांग कर रहे थे,वहीं एक बड़ा वर्ग ऐसा भी था जो परीक्षा रद्द होने और री-नीट की बात से विचलित था. दोबारा परीक्षा देना एक बड़ा टास्क है जिसमें हर कोई शामिल नहीं होना चाहता. ऐसे स्टूडेंट्स के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि डरने की जरूरत नहीं है, पेपर रद्द नहीं करेंगे... इसका साफ मतलब ये दिखता है कि परीक्षा कैंसिल नहीं होगी.
केवल ये कैंडिडेट्स देंगे एग्जाम
नीट यूजी परीक्षा का आयोजन केवल उन कैंडिडेट्स के लिए किया जाएगा जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. हालांकि इन स्टूडेंट्स को भी ऑप्शन मिला है कि वे चाहें तो परीक्षा में शामिल हों और चाहें तो ग्रेस मार्क्स छोड़कर जो एकचुअल स्कोर आ रहा है उसी को कांटीन्यू करें.
एनटीए ने दिया था ये जवाब
एनटीए ने 67 छात्रों के 720 में से 720 अंक आने पर पहले ही जवाब दिया था कि इनमें से कुछ के मार्क्स फिजिक्स विषय की आंसर-की में बदलाव के कारण तो कुछ के ग्रेस मार्क्स के कारण बढ़े हैं. वहीं छात्रों की मांग ये भी थी कि परीक्षा रद्द हो और काउंसलिंग पर रोक लगे. फिलहाल कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से भी इंकार कर दिया है.
पहली बार इतने टॉपर
बता दें कि साल 2023 में केवल दो और साल 2022 में केवल कैंडिडेट ने टॉप किया था जबकि इस बार कुल 67 स्टूडेंट्स टॉपर बने हैं. दो छात्रों को 718 और 719 अंक दिए गए हैं जो मार्किंग स्कीम के हिसाब से संभव नहीं है. ये और ऐसे बहुत से सवालों के जवाब एनटीए से मांगे गए थे.
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