Motivational Story of Bhaskar Waghmare: अगर कोई व्यक्ति कुछ ठान ले तो क्या कुछ नहीं कर सकता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, महाराष्ट्र के 43 साल के एक व्यक्ति ने. पुणे के एक 43 साल के व्यक्ति ने अपने बेटे के साथ 10 वीं कक्षा की परीक्षा दी, लेकिन जब महाराष्ट्र बोर्ड ने परीक्षा के नतीजे घोषित किए तो सब हैरान रह गए. 

दरअसल, इस परीक्षा में पिता ने अच्छे नंबरों से पास हो गया, लेकिन उसका बेटा दो विषयों में फेल हो गया. महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ने इस साल 10वीं की परीक्षा के नतीजे 17 जून को जारी किए थे, इस वर्ष कुल 96.94 प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने परीक्षा पास की है. महाराष्ट्र के भास्कर वाघमरे ने सातवीं क्लास में परिवार चलाने के लिए पढ़ाई छोड़ दी थी. लेकिन वह दोबारा से पढ़ाई शुरू करने को लेकर काफी उत्साहित थे. 30 साल बाद उन्होंने अपने बेटे के साथ परीक्षा दी.

पुणे के रहने वाले भास्कर वाघमरे ने बताया कि मजबूरी में उन्हें शिक्षा छोड़नी पड़ी थी. लेकिन वह सोचता थे कि आगे पढ़़ूं. जिसके बाद उन्होंने अपने घर में इस बात का जिक्र किया और घरवालों ने उन्हें प्रोत्साहित किया. जिसके बाद इस वर्ष उन्होंने 10वीं का फॉर्म भरकर खूब मेहनत कर परीक्षा दी. तैयारी करने के लिए उन्होंने काम के बाद परीक्षा की तैयारी की. परीक्षा पास करने के बाद वह बेहद खुश हैं, हालांकि उन्हें इस बात का अफ़सोस हे कि उनका बेटा दो सब्जेक्ट में फेल हो गया.

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