हम अकसर कर अमेरिका, रूस, चीन और भारत की स्पेशल फोर्स की बात करते हैं, लेकिन क्या आपको ब्रिटेन की खास फोर्स के बारे में पता है. अगर नहीं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं. “स्पेशल एयर सर्विस” (SAS) दुनिया की सबसे खतरनाक और रहस्यमयी सैन्य इकाइयों में से एक है. यह यूनिट ब्रिटिश आर्मी का हिस्सा है. आज ये यूनिट इतनी ताकतवर और रहस्यमयी है कि इसके ऑपरेशन की जानकारी ब्रिटिश सरकार तक सार्वजनिक नहीं करती.

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रिपोर्ट्स के अनुसार SAS की शुरुआत साल 1941 में हुई थी, जब ब्रिटिश अधिकारी डेविड स्टर्लिंग ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसे एक छोटे से रेजीमेंट के रूप में खड़ा किया. उस समय इसका मकसद था दुश्मनों की सीमाओं के पीछे जाकर छापामार कार्रवाई करना. शुरू में इस फोर्स के पास केवल 5 अधिकारी और 60 सैनिक थे, लेकिन उनकी बहादुरी ने बहुत जल्द पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया.

पहले ही मिशन में जब कई सैनिक मारे गए, तब लगा कि यह यूनिट असफल हो जाएगी. लेकिन अगले ही ऑपरेशन में SAS ने दुश्मन के तीन हवाई अड्डों पर धावा बोलकर 60 विमान नष्ट कर दिए. इस सफलता ने इस फोर्स को ब्रिटिश सेना की रीढ़ बना दिया.

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SAS के मिशन

SAS का असली काम किसी आम युद्ध लड़ना नहीं, बल्कि खुफिया मिशन, बंदूकधारियों से बंधक छुड़ाना, आतंकी संगठनों का सफाया करना और दुश्मनों की सीमाओं के अंदर ऑपरेशन चलाना है. यह फोर्स इतनी सीक्रेट है कि इसके ऑपरेशनों की जानकारी आम जनता या मीडिया तक नहीं पहुंचती. ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय और सरकार भी SAS के किसी भी मिशन पर सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करते.

कितने हैं यूनिट?

  • 22वीं स्पेशल एयर सर्विस रेजीमेंट
  • 21वीं और 23वीं रेजीमेंट

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ईरानी एम्बेसी सीज से मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान

रिपोर्ट्स के अनुसार वर्ष 1980 में SAS को दुनिया भर में तब पहचान मिली जब इसने लंदन में ईरानी एम्बेसी में फंसे बंधकों को छुड़ाने का मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया. इस मिशन का पूरा ऑपरेशन लाइव टीवी पर प्रसारित हुआ था, और पूरी दुनिया ने SAS के जवानों की शानदार रणनीति और बहादुरी देखी. केवल दो बंधक मारे गए, जबकि बाकी सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. इसी के बाद SAS का नाम दुनिया की सबसे प्रभावशाली स्पेशल फोर्स के रूप में स्थापित हो गया.

युद्धों में SAS की भूमिका

SAS ने मलाया, ओमान, फॉकलैंड्स, अफगानिस्तान और इराक युद्धों में अहम भूमिका निभाई. सीक्रेट मिशनों में ये दुश्मन की सीमाओं में घुसकर जानकारी जुटाने, हथियार नष्ट करने और बंधकों को छुड़ाने का काम करते हैं.

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