सुनिए अच्छी खबर! अगर आप अपने बच्चे के लिए स्कूल तलाश रहे हैं या फिर आपको अच्छी पढ़ाई की चिंता सता रही है तो राहत की सांस लीजिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट मीटिंग में देशभर में 57 नए केंद्रीय विद्यालय (केवी) खोलने को मंजूरी दे दी गई है. इन स्कूलों से न सिर्फ क्वालिटी एजुकेशन मिलेगी, बल्कि लाखों बच्चों के सपनों को नए पंख भी लगेंगे. इसके लिए 5862 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया गया है, जो अगले 9 साल में खर्च किए जाएंगे. 

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किन चीजों पर कितना होगा खर्च?

बिल्डिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर पर 2585 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसका मतलब है कि मॉडर्न क्लासरूम, लैब्स और प्लेग्राउंड सब चीजें बनाई जाएंगी. इसके अलावा 3277 करोड़ रुपये टीचर्स की सैलरी से लेकर बुक्स आदि पर खर्च किए जाएंगे. ये स्कूल NEP 2020 के मुताबिक 'आदर्श विद्यालय' होंगे. इसके अलावा पहली बार बालवाटिका (3-6 साल के बच्चों के लिए) शामिल होगी. इनमें खेल-खेल में सीखना, क्रिएटिविटी बढ़ाना आदि सब होगा.

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कहां-कहां खुलेंगे ये स्कूल?

गौर करने वाली बात यह है कि केंद्रीय विद्यालयों की डिमांड जोरों पर है. इस वक्त देश में 1288 स्कूल चल रहे हैं, जिनमें 13.62 लाख बच्चे पढ़ते हैं. दिसंबर 2024 में 85 नए मंजूर हुए थे और अब 57 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने को मंजूरी दे दी गई है.

  • 20 स्कूल: उन जिलों में जहां कभी केंद्रीय विद्यालय नहीं था.
  • 14 स्कूल: आकांक्षी जिलों में, जहां डिवेलपमेंट की रफ्तार धीमी है.
  • 4 स्कूल: नक्सल प्रभावित इलाकों में.
  • 5 स्कूल: नॉर्थ-ईस्ट और पहाड़ी क्षेत्रों में.

कुल मिलाकर 17 राज्यों और केंद्रीय शासित प्रदेशों में ये 57 स्कूल खोले जाएंगे. बता दें कि 1962 से चल रही यह स्कीम केंद्रीय कर्मचारियों, आर्मी और पैरामिलिट्री के बच्चों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अब हर बच्चे को फायदा मिल रहा है. 

कितना होगा फायदा?

  • छात्रों को सीटें: हर स्कूल में 1520 सीटें होंगी, जिनसे कुल 86,640 बच्चे पढ़ सकेंगे.
  • जॉब्स का धमाका: 57 स्कूलों से 4617 परमानेंट पोस्ट्स टीचर्स और स्टाफ की होंगी. इसके अलावा स्कूलों को बनाने के लिए हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.
  • रिजल्ट्स रहता है शानदार: केंद्रीय विद्यालयों में CBSE स्कोर हमेशा शानदार रहता है. इसके अलावा मॉडर्न टीचिंग और सुविधाएं भी होती हैं. यही वजह है कि 913 स्कूल पहले ही PM SHRI का टैग पा चुके हैं.

यह फैसला क्यों माना जा रहा  गेम चेंजर?

यह NEP 2020 को स्ट्रॉन्ग करने का कदम है. इन स्कूलों में मल्टी-लैंग्वेज, वोकेशनल स्किल्स, होलिस्टिक ग्रोथ आदि भी होंगे. दरअसल, कोविड महामारी के बाद एजुकेशन पर फोकस बढ़ा है और यह कदम इस दिशा में तरक्की दिलाएगा.

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