सीयूईटी परीक्षा आज के समय में छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का एक बड़ा रास्ता बन चुकी है. देश की नामी सेंट्रल, स्टेट और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में दाखिले के लिए अब सीयूईटी जरूरी हो गया है. हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा में शामिल होते हैं, ऐसे में प्रतियोगिता काफी कड़ी हो जाती है. अगर आप भी सीयूईटी यूजी परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं, तो सही योजना, नियमित पढ़ाई और लगातार अभ्यास बेहद जरूरी है. सही दिशा में की गई तैयारी से न सिर्फ अच्छे अंक मिलते हैं, बल्कि मनपसंद यूनिवर्सिटी में एडमिशन का सपना भी पूरा हो सकता है.

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सीयूईटी परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले सबसे जरूरी है कि छात्र सिलेबस और परीक्षा पैटर्न को अच्छे से समझ लें. सीयूईटी का सिलेबस ज्यादातर कक्षा 12वीं की एनसीईआरटी किताबों पर आधारित होता है. इसलिए सबसे पहले एनसीईआरटी की किताबों को ध्यान से पढ़ना चाहिए. हर विषय के पूरे सिलेबस को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर पढ़ना ज्यादा आसान रहता है. जिन टॉपिक्स में कमजोरी हो, उन पर ज्यादा समय देना चाहिए.

मॉक टेस्ट जरूरी

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सीयूईटी परीक्षा मुख्य रूप से तीन हिस्सों में होती है. पहला भाषा सेक्शन होता है, दूसरा डोमेन सब्जेक्ट्स और तीसरा जनरल टेस्ट. हर सेक्शन में मल्टीपल चॉइस सवाल पूछे जाते हैं. परीक्षा कंप्यूटर आधारित होती है, इसलिए छात्रों को ऑनलाइन टेस्ट देने की आदत भी डालनी चाहिए. इससे परीक्षा के समय घबराहट कम होती है और समय का सही उपयोग करना भी आ जाता है.

तैयारी को मजबूत बनाने के लिए मॉक टेस्ट और पुराने सवालों की प्रैक्टिस बहुत जरूरी है. मॉक टेस्ट देने से छात्रों को यह समझ में आता है कि परीक्षा में किस तरह के सवाल पूछे जाते हैं और किस सेक्शन में ज्यादा समय लगता है. साथ ही, अपनी गलतियों का पता भी चलता है. जब छात्र अपनी गलतियों को पहचानकर उन्हें सुधारते हैं, तो धीरे-धीरे प्रदर्शन बेहतर होने लगता है. नियमित मॉक टेस्ट देने से टाइम मैनेजमेंट भी अच्छा हो जाता है, जो सीयूईटी जैसी परीक्षा में बहुत अहम होता है.

टाइम टेबल बनाना है जरूरी

एक सही और संतुलित स्टडी प्लान सीयूईटी की तैयारी को आसान बना देता है. छात्रों को अपनी दिनचर्या के अनुसार टाइम टेबल बनाना चाहिए. रोजाना 6 से 8 घंटे पढ़ाई करना काफी माना जाता है, लेकिन यह पढ़ाई पूरी एकाग्रता के साथ होनी चाहिए. हर विषय के लिए अलग समय तय करें और उस समय में उसी विषय पर फोकस करें. समय-समय पर रिवीजन के लिए भी वक्त निकालना जरूरी है, ताकि पढ़ी हुई चीजें लंबे समय तक याद रहें.

जो छात्र नियमित और अनुशासित रहते हैं, वे सेल्फ स्टडी के जरिए भी सीयूईटी की तैयारी कर सकते हैं. आजकल कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं, जहां अनुभवी शिक्षक सीयूईटी की तैयारी करवाते हैं. ऑनलाइन क्लासेस का फायदा यह है कि छात्र घर बैठे पढ़ाई कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर रिकॉर्डेड वीडियो दोबारा देख सकते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान

लैंग्वेज सेक्शन की तैयारी पर भी खास ध्यान देना चाहिए. इस सेक्शन में रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन, ग्रामर और शब्दों की समझ से जुड़े सवाल आते हैं. रोजाना अखबार पढ़ने से भाषा पर पकड़ मजबूत होती है और पढ़ने की गति भी बढ़ती है. इसके अलावा, छोटी-छोटी कहानियां और लेख पढ़ने से भी समझने की क्षमता बेहतर होती है. ग्रामर के नियमों को बार-बार दोहराना और नए शब्द सीखना भाषा सेक्शन में अच्छे अंक दिला सकता है.

डोमेन सब्जेक्ट्स की तैयारी के लिए एनसीईआरटी किताबों को आधार बनाना सबसे सही तरीका है. किताब के हर अध्याय को ध्यान से पढ़ें और जरूरी बिंदुओं के नोट्स बनाएं. छोटे नोट्स रिवीजन के समय बहुत काम आते हैं. जनरल टेस्ट की तैयारी के लिए सामान्य ज्ञान, तार्किक क्षमता और बेसिक गणित पर ध्यान देना चाहिए. रोज थोड़ा-थोड़ा अभ्यास करने से इस सेक्शन में भी सुधार आता है. यह भी पढ़ें -  FSSAI Recruitment​: फूड एनालिस्ट के पदों पर निकली भर्ती, ग्रेजुएट पास कैंडिडेट्स कर सकते हैं अप्लाई; पढ़ें डिटेल्स


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