देश में लाखों युवा यह सपना देखते हैं कि वे इंडियन आर्म्ड फोर्सेज में शामिल होकर गर्व से देश की सेवा करें. इस सफर के दौरान अक्सर NDA और NA शब्द सुनने को मिलते हैं. ये दोनों एग्जाम UPSC की तरफ से आयोजित किए जाते हैं. हालांकि, इन दोनों के बीच काफी अंतर है. जो उम्मीदवार डिफेंस में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह जानना जरूरी है कि NDA और NA में क्या फर्क है, उनके रोल क्या होंगे और करियर की संभावनाएं कैसी हैं.
NDA क्या है?
NDA का पूरा नाम है नेशनल डिफेंस एकेडमी. यह एक जॉइंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है, जहां उम्मीदवारों को इंडियन आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. NDA एग्जाम पास करने के बाद उम्मीदवार तीन साल की कंबाइंड ट्रेनिंग लेते हैं. इस दौरान उन्हें आर्मी, नेवी और एयर फोर्स की बेसिक ट्रेनिंग के साथ-साथ नेतृत्व क्षमता, शारीरिक फिटनेस और रणनीतिक सोच विकसित करने का मौका मिलता है. ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उम्मीदवार अपनी-अपनी सर्विस विंग में आगे बढ़ते हैं.
NA क्या है?
NA का पूरा नाम है नेवल एकेडमी (Naval Academy). यह विशेष रूप से इंडियन नेवी में शामिल होने वाले उम्मीदवारों के लिए है. NA कैटेगरी में चुने गए उम्मीदवारों को नेवल ट्रेनिंग दी जाती है. NDA से अलग, NA में ट्रेनिंग सिर्फ नेवी कैडेट्स पर केंद्रित होती है. NDA ट्रेनिंग पूरी करने के बाद नेवल कैडेट्स को आगे की प्रोफेशनल पढ़ाई और ट्रेनिंग के लिए नेवल एकेडमी भेजा जाता है.
NDA और NA में मुख्य अंतर
NDA और NA में मुख्य अंतर उनके स्कोप और ट्रेनिंग फोकस में है. NDA में आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के उम्मीदवार शामिल होते हैं, जबकि NA केवल नेवी के लिए है. NDA पुणे में स्थित है और NA केरल में. NDA में तीन साल की कंबाइंड ट्रेनिंग होती है, जबकि NA में नेवल स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग दी जाती है. NDA सभी तीनों डिफेंस सर्विस के उम्मीदवार तैयार करती है, लेकिन NA सिर्फ नेवी और उसके फ्लाइंग या सी ब्रांच के लिए उम्मीदवार तैयार करती है.
NDA और NA के लिए योग्यता
NDA और NA में शामिल होने के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 पास होना जरूरी है. NDA की आर्मी विंग के लिए किसी भी विषय में 12वीं पास होना पर्याप्त है, जबकि एयर फोर्स और नेवी विंग और NA के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के साथ 12वीं पास होना जरूरी है. उम्मीदवार की उम्र आमतौर पर 16.5 से 19.5 साल के बीच होनी चाहिए.
इसके अलावा UPSC लिखित परीक्षा, फिजिकल फिटनेस टेस्ट, मेडिकल टेस्ट और SSB इंटरव्यू पास करना जरूरी है. एयर फोर्स या नेवी में पायलट बनने के लिए उम्मीदवार को CPSS एप्टीट्यूड टेस्ट पास करना होगा. हर सर्विस में शारीरिक और मेडिकल जरूरतों में थोड़ा अंतर होता है.
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