Study Abroad: जब हायर एजुकेशन की बात आती है तो बहुत से छात्र डिग्री लेने विदेश जाना चाहते हैं. पिछले कुछ सालों में दूसरे देश जाने वाले छात्रों की संख्या में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है. इस समय भारतीय छात्र 240 से ज्यादा देशों में पढ़ाई कर रहे हैं. ये जानकारी मिनिस्ट्री ऑफ एक्टर्नल अफेयर्स ने पिछले महीने राज्यसभा में दी. उनके मुताबिक स्टूडेंट्स की टॉप च्वॉइसेस में आते हैं कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएस. इसके बाद भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए उज्बेकिस्तान, फिलीपींस, रूस, आयरलैंड, किर्गिस्तान और कजाकिस्तान भी जाना पसंद करते हैं.


महामारी के बाद बढ़ी संख्या


राज्यसभा में दिए गए डेटा के मुताबिक महामारी के बाद विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है. पिछले 6 सालों का रिकॉर्ड देखें तो सबसे ज्यादा स्टूडेंट साल 2022 में विदेश पढ़ने गए, इनकी संख्या थी 7.5 लाख.


पिछले सालों में ऐसे बड़ी संख्या


पिछले सालों की बात करें तो साल 2017 में ये संख्या 4.5 लाख जी जो साल 2018 में बढ़कर 5.2 लाख हो गई. इसी तरह साल 2019 में विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या में और बढ़ोत्तरी हुई और सरकारी डेटा के मुताबिक इस साल 5.86 लाख छात्रों ने विदेशी धरती का रुख किया. लेकिन साल 2020 में महामारी आ जाने से ये संख्या घटकर 2.6 लाख रह गई.


इन देशों को किया जाता है सबसे ज्यादा पसंद


विदेश में पढ़ाई करने के मामले में यूके यानी ब्रिटेन को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. यहां साल 2022 में 1.4 लाख वीजा भारतीयों को दिए गए. साल 2019 की तुलना में ये संख्या काफी ज्यादा थी. साल 2019 में 34261 वीजा दिए गए थे. साल 2019 में सितंबर महीने में यूके ने ‘ग्रेजुएट रूट’ नाम का वीजा लांच किया था. इसकी मदद से इंटरनेशनल स्टूडेंट्स जिसमें इंडिया के भी स्टूडेंट्स शामिल हैं, को काम के लिए या काम तलाशने के लिए यूके में रहने की छूट दी गई थी. इसके माध्यम से छात्र स्टडीज पूरी करने के बाद दो साल तक यूके में रुक सकते थे.


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