तुर्किए में आए भयावह भूकंप के बाद एक शख्स काफी चर्चा में है, जिनका नाम है फ्रैंक हूगरबीट्स. हूगरबीट्स के चर्चा में आने की वजह ये है कि उन्होंने भूकंप आने से पहले ही इसकी भविष्यवाणी कर दी थी और जैसा उन्होंने बताया था, वैसा ही हुआ. खास बात ये है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि उन्होंने भूकंप को लेकर कोई चेतावनी दी है. उन्होंने पहले भी कई बार भूकंप को लेकर भविष्यवाणियां की है और वो सच भी साबित हुई है. इसके साथ ही एक और कारण है जिसकी वजह से उनके नाम की चर्चा ज्यादा हो रही है. वो ये है कि कहा जाता है कि भूकंप का पहले से पता किया जाना मुश्किल होता है और इस स्थिति में भविष्यवाणी सही होना वैज्ञानिकों के लिए भी चौंकाने वाला है. 


ऐसे में सवाल है कि आखिर वो किस तरह से भूकंप की भविष्यवाणी करते हैं और किस मैथड पर काम करते हुए भूकंप का पूर्वानुमान लगा लेते हैं. तो आज हम आपको बताते हैं कि आखिर वो किस तरह से ये पता लगाते हैं और करियर के हिसाब से देखें तो आपको भी बता रहे हैं कि आखिर इस फील्ड में किस तरह से करियर बनाया जा सकता है...


भूकंप का कैसे करते हैं पता?


पहले आपको बताते हैं कि आखिर  फ्रैंक हूगरबीट्स कौन हैं. हूगरबीट्स भूकंपीय शोधकर्ता (Seismic Researcher) है. वे भूकंप के पूर्वानुमान की गणनाएं करते हैं और भूकंप आने से पहले ही उनकी संभावना के बारे बता देते हैं. उन्होंने कई बार ऐसा किया है. वे सौलर सिस्टम ज्यॉमेट्री इंडेक्स के सहारे भूकंप के बारे में पता लगाते हैं. उनका मानना ​​है कि ग्रहों और अन्य खगोलीय पिंडों का अलाइमेंट पृथ्वी पर भूकंपीय गतिविधि को प्रभावित कर सकता है और इस वजह से वो अपने SSGI तरीके से भूकंप की भविष्यवाणी करने का दावा करते हैं.


आपको बता दें कि भूकंप को लेकर काम करने वाले लोगों को सिस्मोलॉजिस्ट कहते हैं. ये सिस्मोलजी यानी भूकंप विज्ञान की जानकारी रखते हैं. सिस्मोलजी का मतलब है भूंकप की स्टडी करना. इस तरह के विज्ञान में पृथ्वी और अन्य ग्रहों की गति या अलाइमेंट के जरिए भूकंप के बारे में पता लगाने की कोशिश की जाती है. इसके साथ ही इसमें भूकंप और उससे होने वाले असर जैसे सुनामी आदि की भी रिसर्च की जाती है. इसमें अर्थ के मोशन के आधार पर कई तरह की गणनाएं की जाती है और इसके जरिए भूकंप की भविष्यवाणी की जाती है. हालांकि, कई एक्सपर्ट इसे सही तरीका नहीं मानते हैं और उनका मानना है कि भूकंप का पहले पता नहीं लगाया जा सकता है. 


कैसे बनाएं करियर?


अगर आप भी ऐसा काम करके भूंकप के बारे में पहले पता लगाने की स्टडी में काम करना चाहते हैं तो आपको जियोफिजिक्स से पढ़ाई करनी होगी. सिस्मोलॉजिस्ट बनने के लिए जियोफिजिक्स, जियोलॉजी या अर्थ साइंस में पढ़ाई की होनी चाहिए. इसके बाद अलग अलग संगठनों या मौसम विभाग के जरिए इस फील्ड में काम करने का मौका मिल सकता है. 


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