दिल्ली में नर्सरी, केजी और पहली कक्षा में प्रवेश को लेकर हर साल अभिभावकों के बीच बड़ी उत्सुकता रहती है. राजधानी के निजी स्कूलों में 2026-27 शैक्षणिक सत्र के लिए एडमिशन प्रक्रिया अब एक बार फिर शुरू होने जा रही है. शिक्षा निदेशालय ने आज यानी 4 दिसंबर से स्कूलों द्वारा एडमिशन क्राइटेरिया सार्वजनिक करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इसके साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन फॉर्म भी इसी तारीख से उपलब्ध होंगे.
एडमिशन के मुख्य मानदंड
दिल्ली सरकार ने इस साल भी वही मानदंड लागू किए हैं, जो पिछले वर्षों में उपयोग किए जाते रहे हैं. इन मानदंडों के आधार पर बच्चों का चयन पॉइंट सिस्टम के अनुसार होगा.
नेबरहुड (School Proximity) – बच्चों के घर और स्कूल की दूरी के आधार पर अंक दिए जाएंगे. यह सुनिश्चित करने के लिए कि छोटे बच्चों को लंबी दूरी तय न करनी पड़े और ट्रैफिक व प्रदूषण से बचा जा सके.
- सिबलिंग (Sibling Priority) – अगर किसी बच्चे का भाई या बहन पहले से उसी स्कूल में पढ़ रहा है, तो उसे अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे.
- एल्यूमिनाई (Alumni Parent) – माता-पिता अगर उस स्कूल के पूर्व छात्र हों, तो बच्चे को प्राथमिकता मिलेगी.
- स्टाफ वार्ड (Staff Ward) – स्कूल स्टाफ के बच्चों को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी.
आवेदन प्रक्रिया और अंतिम डेट
आवेदन फॉर्म 4 दिसंबर 2025 से उपलब्ध होंगे. आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 27 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है. स्कूल अपने एडमिशन क्राइटेरिया और पॉइंट सिस्टम 28 नवंबर तक वेबसाइट पर अपडेट करेंगे.
निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि स्कूल पंजीकरण शुल्क सिर्फ 25 रुपये ही ले सकते हैं. किसी भी अभिभावक पर प्रॉस्पेक्टस खरीदने या अतिरिक्त शुल्क देने का दबाव नहीं डाला जा सकता, ताकि आम लोगों पर आर्थिक बोझ न पड़े.
पारदर्शिता और सुविधा पर जोर
एडमिशन प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है. पहले सूची, दूसरी सूची और बाकी प्रक्रियाओं की तिथियां सरकार मार्च 2026 तक सार्वजनिक करेगी. दिल्ली में नर्सरी एडमिशन हर साल लाखों परिवारों के लिए चिंता का विषय रहता है. निजी स्कूलों की संख्या सीमित होने के कारण आवेदन करने वाले बच्चों की संख्या काफी अधिक होती है. इसी कारण दिल्ली सरकार ने पॉइंट आधारित सिस्टम लागू किया है.
पॉइंट सिस्टम का उद्देश्य
नेबरहुड यानी दूरी के आधार पर चयन करने का उद्देश्य बच्चों की सुविधा और सुरक्षा है. सिबलिंग और एल्यूमिनाई मानदंड माता-पिता और परिवारों को प्राथमिकता देने के लिए बनाए गए हैं. स्टाफ वार्ड को प्राथमिकता देना स्कूल स्टाफ के बच्चों के हित में है. यह भी पढ़ें - लाखों में चाहिए सैलरी तो करें इस भर्ती के लिए आवेदन, भरे जाएंगे असिस्टेंट मैनेजर और जेई के पद
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