विदेश में पढ़ने के इच्छुक भारतीय छात्र महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. दरअसल लगातार कोरोना संक्रमण की वजह से इंटरनेशनल बॉर्डर बंद रहे हैं और उड़ानें भी रद्द हो रही हैं. यहां तक की कई छात्रों को कोविड -19 प्रतिबंधों को देखते हुए विदेशी यूनिवर्सिटी की अपनी च्वाइस को या तो स्थगित करना पड़ा है या फिर से सोचना पड़ा है.


गौरतलब है कि स्थिति को देखते हुए नियमों में बदलाव भी किया जा रहा है, अब तक इंटरनेशनल ट्रैवल के लिए कोविशिल्ड ही एकमात्र डब्ल्यूएचओ-अप्रूव्ड इंडियन वैक्सीन है. वहीं कई देशों में किसी के भी आगमन से 72 घंटे पहले किए गए कोविड -19 निगेटिव सर्टिफिकेट को दिखाना अनिवार्य है.चलिए यहां जानते है टॉप 5 स्टडी अबरॉड डेस्टिनेशन में करंट कोविड गाइलाइन्स पर क्या अपडेट है.


अमेरीका
यूएसए ने भारत के लिए कई यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन जिन स्टूडेंट्स का एकेडमिक ईयर 1 अगस्त से शुरू होने वाला है, उन्हें छूट दी गई है. अगर आपके पास वैलिड M-1 या F-1 वीजा है, तो आपको यूएसए की यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन आप वहां एकेडमिक कार्यक्रम शुरू होने से केवल 30 दिन पहले ही पहुंच सकते हैं उससे पहले नहीं. अमेरिका को आगमन पर कोविड-19 टीकाकरण की जरूरत नहीं है. गौरतलब है कि वर्तमान में भारत से यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के लिए कुछ ही उड़ानें संचालित हो रही हैं, एयर इंडिया अगस्त में एडिशन उड़ानें संचालित करेगी.


यूके
ब्रिटेन, जिसने भारत को रेड लिस्ट में रखा था, उसने अब इंडिया को 8 अगस्त से एम्बर लिस्ट में ट्रांसफर कर दिया है. जिसका मतलब है कि भारतीय छात्र यूके की यात्रा कर सकते हैं, हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी. जैसे यात्रा करने से पहले, स्टूडेंट्स को यूके में आने पर कोविड-19 के लिए बुकिंग और भुगतान करना होगा. यूके आने पर, 10 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन अनिवार्य है.


बता दें कि यूके उन यूरोपीय संघ के देशों की लिस्ट में नहीं है, जिन्होंने कोविशिल्ड को मान्यता दी है, यही वजह है कि टीकाकरण के बावजूद स्टूडेंट्स को क्वारंटाइन से छूट नहीं मिलेगी.  इस साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत में अपना कोर्स शुरू करने वाले छात्र नए पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें स्टूडेंट वीजा पर 6 अप्रैल 2022 तक यूके में रहना होगा.


कनाडा
पूरी तरह से वैक्सीनेटेड भारतीय छात्र जो सरकार द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, उन्हें कनाडा पहुंचने पर अनिवार्य क्वारंटाइन से छूट दी गई है. हालांकि, कनाडा 21 अगस्त तक भारत से सीधी उड़ानों की अनुमति नहीं देगा, क्योंकि यहां अभी तक भारत में किए गए कोविड-19 टेस्ट के रिजल्ट को स्वीकार नहीं किया जा रहा है.


इसलिए भारतीय छात्रों को कनाडा पहुंचने से पहले एक ट्रांजिट देश से कोविड-19 परीक्षण करवाना होगा. इसके साथ ही स्टूडेंट्स को स्टॉपओवर देशों में 14 दिनों तक रहना होगा और उस देश से नेगेटिव कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट लेनी होगी. मेक्सिको, बेलग्रेड और आर्मेनिया भारतीय छात्रों के लिए कुछ पॉपुलर स्टॉपओवर देश हैं. बता दें कि महामारी और कनाडा के लिए सीधी उड़ानों के निलंबन के कारण, वर्तमान में भारत से लगभग 3 से 3.5 लाख छात्रों के आवेदनों का एक बड़ा बैकलॉग है.


जर्मनी
जर्मनी यूरोपीय संघ के उन देशों में से एक है जिसने कोविशिल्ड को मान्यता दी है. हालांकि, भारतीय स्टूडेंट्स के टीकाकरण प्रमाण पत्र में पासपोर्ट नंबर या जन्म तिथि होनी चाहिए, आधार नंबर पर्याप्त नहीं है.  गौरतलब है कि भारत से जर्मनी के लिए उड़ानें संचालित की जा रही हैं लेकिन जर्मन सरकार के अनुसार भारत से आने वाले यात्रियों को देश में प्रवेश करने से पहले www.einreiseanmeldung.de पर रजिस्ट्रेशन करना होगा.


ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अपने नागरिकों को छोड़कर सभी के लिए यात्रा प्रतिबंधित कर दी है. हालांकि, यह इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की ऑस्ट्रेलिया वापसी की प्लानिंग बनाने के लिए एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के साथ पार्टनरशिप में राज्यों और क्षेत्रों के साथ मिलकर काम कर रहा है.
 
बहरहाल स्थिति सामान्य रूप से गंभीर लग सकती है, लेकिन छात्रों को उम्मीद नहीं खोनी चाहिए, क्योंकि नियम छात्रों के फेवर में बदल रहे हैं, और देश धीरे-धीरे प्रतिबंधों में ढील दे रहे हैं. दुनिया भर की यूनिवर्सिटी भी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की एंट्री के लिए और क्लासरूम एजुकेशन शुरू करने की अपनी पूरी तरफ से पूरी कोशिश में जुटी हुई हैं.
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