चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित ब्लाइंड स्कूल की छात्रा काफी ने वो कर दिखाया, जो बहुत से लोग सोच भी नहीं पाते. महज 17 साल की उम्र में एसिड अटैक से झुलसी ये बहादुर बच्ची न केवल अपने दर्द को हराकर खड़ी हुई, बल्कि 12वीं बोर्ड परीक्षा में 95.6 प्रतिशत अंक हासिल कर अपने स्कूल की टॉपर बन गई.

काफी का सपना है कि वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स करे और आगे चलकर IAS अधिकारी बने. उसकी ये कहानी सिर्फ एक छात्रा की कामयाबी नहीं, बल्कि उम्मीद, मेहनत और हौसले की ऐसी मिसाल है, जो हर किसी को प्रेरित करती है.

काफी की जिंदगी में अंधेरा तब छाया जब वह केवल तीन साल की थी. होली के दिन हरियाणा के हिसार जिले के बुढ़ाना गांव में पड़ोस के तीन लोगों ने जलन के कारण उस पर तेजाब फेंक दिया. इस हमले में उसका चेहरा और हाथ बुरी तरह झुलस गए और वह अपनी आंखों की रोशनी भी खो बैठी.

लेकिन काफी ने हार नहीं मानी. किताबों को सुनकर पढ़ने वाली इस होनहार छात्रा ने ऑडियो बुक्स के सहारे पढ़ाई जारी रखी. दसवीं में उसने 95.2% अंक हासिल किए थे और अब 12वीं में खुद को और भी बेहतर साबित किया.

उसका स्कूल जीवन गांव से शुरू हुआ था, लेकिन असली मोड़ तब आया जब छठी कक्षा में उसे चंडीगढ़ के ब्लाइंड स्कूल में दाखिला मिला. तब से वह हर साल क्लास में टॉप करती रही है.

क्या करते हैं पिता

काफी के पिता मिनी सचिवालय चंडीगढ़ में संविदा पर चपरासी के रूप में काम करते हैं. बेटी की उपलब्धि से वह फूले नहीं समा रहे. काफी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के एंट्रेंस एग्जाम में भी हिस्सा लिया है और उसे उम्मीद है कि वह जल्द ही एडमिशन पा लेगी.

क्या कहा?

दुखद पहलू ये है कि जिस गंभीर अपराध ने उसकी जिंदगी बदल दी. उसके दोषी अब तक सजा से बचे हुए हैं. काफी कहती है जिन्होंने ये किया, वो आज भी खुलेआम घूम रहे हैं. वहीं, उसी स्कूल के छात्र सुमंत (94%) और गुरशरण सिंह (93.6%) ने दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है.

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