IT Industry May Stop Hiring New People: अगर आप आईटी इंडस्ट्री से हैं, इस साल कोर्स कंप्लीट कर रहे हैं या यहां भविष्य बनाने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है. आईटी इंडस्ट्री में इस साल नौकरियों में कमी आ सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को हुए ग्लोबल नुकसान की वजह से ऐसा हो सकता है. इस फील्ड की जाएंट माने जाने वाली चार बड़ी कंपनियां अपने हाथ खींच रही हैं और नयी नियुक्ति न करने पर विचार कर रही हैं. ऐसा होता है तो ये साल आईटी इंडस्ट्री के लिए काला साल हो सकता है.


क्या कहती है रिपोर्ट


इस बारे में मिंट की रिपोर्ट करती है कि देश की टॉप आईटी रिक्रूटर कंपनियां नयी हायरिंग से बच रही हैं. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस लिमिटेड, इंफोसिस लिमिटेड, एचसीएल टेक्नोलॉजीस लिमिटेड और विप्रो में मिलाकर कुल 49,936 कर्मचारियों की संख्या घटी है. ये डाटा तिमाही और सालाना फाइनेंशियल रिपोर्ट से इकट्ठा किया गया है.


क्यों कम हुई हायरिंग


रिपोर्ट ये भी कहती है कि आईटी इंडस्ट्री की चार बड़ी कंपनियों में पिछले पांच सालों में हुई ये अब तक की सबसे बड़ी कटौती है. इससे पहले यहां कर्मचारियों की संख्या इतनी नहीं घटी जितनी लास्ट फाइनेंशियल ईयर में घटी है. ये अच्छा साइन नहीं है. इसकी वजह ग्लोबल इकोनॉमिक क्राइसिस है जिसके कारण इंडिया की आईटी इंडस्ट्री को 245 बिलियन डॉलर के करीब घाटा हुआ है.


कोविड के समय हुई थी बल्ले-बल्ले


बता दें कि साल फाइनेंशिल ईयर 2022 में इन चार बड़ी कंपनियों में जमकर हायरिंग हुई थी क्योंकि तब चीजें एकदम से टेक्नोलॉजी बेस होने लगी थी. इस ईयर में करीब 3 लाख लोगों को नौकरी दी गई थी और ये कंपनियां टॉप पर चल रही थी. हालांकि इस साल सीन बदल सकता है.


नयी हायरिंग में होगी दिक्कत


इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि इस साल के एंड तक फ्रेश आईटी ग्रेजुएट्स को नौकरी पाने में समस्या हो सकती है. हालांकि संभावना ये भी है कि इस साल जब इतनी कटौती हो जाए तो आगे नौकरी की संभावना बढ़िया हो जाए. इतना ही नहीं इंफोसिस और विप्रो ने तो यहां तक कहा है कि वे इस क्वार्टर में कैम्पस रिक्रूटमेंट में शामिल नहीं होंगी. ओवरऑल बात करें तो आईटी इंडस्ट्री की ग्रोथ में निगेटिव इम्पैक्ट आया है. 


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