दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार ब्लास्ट के बाद से ही अल-फलाह यूनिवर्सिटी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. अब यूनिवर्सिटी की मान्यता AIU की ओर से रद्द कर दी गई है. ऐसे में अब स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स के मन में ये सवाल है कि अब वहां पढ़ रहे छात्र-छात्राओं का क्या होगा? आइए जानते हैं...
बताते चलें कि AIU से पहले NAAC की तरफ से भी विश्वविद्यालय को शो कॉज नोटिस थमाया गया था, जिसमें उस पर गलत जानकारी देने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया गया था. इसके बाद गुरुवार शाम को AIU ने भी संस्थान की सदस्यता रद्द कर दी. AIU की ओर से कहा गया कि बीते दिनों में हुए घटनाक्रम और यूनिवर्सिटी का आचरण, एआईयू के मानकों और नियमों से मेल नहीं खाता. यह भी पढ़ें - फैशन टेक्नोलॉजी में युवा प्रोफेशनल्स के लिए लाखों कमाने का मौका, जानें कौन-सा कोर्स सबसे बेस्ट?
रिपोर्ट्स के अनुसार किसी यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द होने की स्थिति में सबसे पहला समाधान यही होता है कि वर्तमान छात्रों को दूसरी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी में एडजस्ट किया जाए. UGC आमतौर पर छात्रों को उसी राज्य या आसपास के राज्यों की मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर करने की व्यवस्था करती है. छात्रों के अब तक पूरे किए गए एकेडमिक क्रेडिट्स को नई यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर कर दिया जाता है ताकि उनकी पढ़ाई बीच में न टूटे और उन्हें कोर्स की शुरुआत से दोबारा न पढ़ना पड़े.
डिग्री की वैधता पर क्या असर पड़ता है?
मान्यता रद्द होने के बाद जिन छात्रों को पहले ही डिग्री मिल चुकी है, उनकी डिग्री आम तौर पर वैध रहती है. नियामक निकाय इस बात का खास ध्यान रखते हैं कि पुरानी डिग्रियों पर किसी तरह का असर न पड़े, ताकि छात्रों का करियर प्रभावित न हो. वहीं, जो छात्र अंतिम वर्ष में होते हैं, उन्हें भी आमतौर पर परीक्षा देने और डिग्री पूरी करने का मौका दिया जाता है. यह अनुमति UGC या संबंधित बोर्ड की तरफ से विशेष निर्देश के तहत दी जाती है, ताकि छात्रों की सालों की मेहनत बेकार न जाए. यह भी पढ़ें - देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू ने कहां से की थी पढ़ाई-लिखाई? जान लीजिए डिटेल्स
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