दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच स्कूली बच्चों को राहत देने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाने का एलान किया है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने घोषणा की है कि राजधानी के सरकारी स्कूलों की 10,000 कक्षाओं में एयर प्यूरीफायर लगाए जाएंगे. इसका मकसद बच्चों को पढ़ाई के दौरान साफ और सुरक्षित हवा उपलब्ध कराना है, ताकि उनका स्वास्थ्य बेहतर रहे और वे बिना परेशानी के पढ़ सकें.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए केवल तात्कालिक कदम नहीं, बल्कि लंबे समय तक असर करने वाले स्थायी उपाय अपना रही है. उन्होंने कहा कि बच्चों का स्वास्थ्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और स्कूलों में स्वच्छ माहौल देना इसकी जिम्मेदारी है. मंत्री ने बताया कि कई बार प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ जाता है कि बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है. ऐसे में कक्षाओं के अंदर साफ हवा का इंतजाम करना बेहद जरूरी है. इसी सोच के तहत यह फैसला लिया गया है.
पहले चरण में 10 हजार कक्षाएं
आशीष सूद ने कहा कि इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. पहले चरण में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में स्थित 10,000 कक्षाओं में एयर प्यूरीफायर लगाए जाएंगे. इसके बाद जरूरत और अनुभव के आधार पर इस योजना को आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करें और स्मार्ट हवा में सांस लें. साफ हवा बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास दोनों के लिए जरूरी है.
दिखावे की राजनीति पर तंज
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिक्षा मंत्री ने पूर्व आम आदमी पार्टी सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या का हल दिखावे से नहीं निकलता. आशीष सूद ने कहा हम वो लोग नहीं हैं जो बड़ी-बड़ी डिग्रियों का दिखावा करें और ऑड-ईवन या गाड़ी चालू-गाड़ी बंद जैसे अस्थायी अभियान चलाएं. हमारी सरकार प्रशासनिक और स्थायी उपायों के जरिए प्रदूषण की समस्या से निपट रही है. उन्होंने कहा कि कुछ कदम ऐसे होते हैं जिनका असर कुछ दिनों तक ही रहता है, लेकिन सरकार का फोकस ऐसे फैसलों पर है जो लंबे समय तक फायदा पहुंचाएं.
स्कूलों के साथ सड़कों पर भी सफाई
शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार सिर्फ स्कूलों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे शहर में प्रदूषण कम करने की दिशा में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि शहरी मामलों का प्रभार संभालने के नाते उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए हैं कि पर्यावरण उपकर की राशि का इस्तेमाल किया जाए. इस राशि से हर विधानसभा क्षेत्र के लिए यांत्रिक सड़क सफाई मशीनें खरीदी जाएंगी. इन मशीनों से सड़कों पर जमी धूल और गंदगी को हटाया जाएगा, जिससे हवा में उड़ने वाले प्रदूषक तत्वों में कमी आएगी.
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