Patna News: पटना सिटी के गुरुद्वारा तख्त श्री हरि मंदिर साहिब (Gurudwara Takht Sri Harmandir Sahib) के ‘लंगर’ को जल्द ही ‘भोग’ प्रमाणपत्र मिल जाएगा. इसी महीने खाद्य संरक्षा पदाधिकारी गुरुद्वारे की रसोई व्यवस्था का निरीक्षण कर कर्मियों को चिह्नित करेंगे. इसके बाद गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के संचालकों को तय स्टैंडर्ड के अनुसार लंगर प्रसाद तैयार करने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
रसोई की व्यवस्थाएं हैं बेहतरबता दें कि तख्त हरि मंदिर का लंगर उत्तर पूर्व भारत का दूसरा ऐसा धार्मिक स्थल बन जाएगा जहां के प्रसाद को भोग का दर्जा मिलेगा. इससे पहले महावीर मंदिर के नैवेद्यम को पिछले साल ही भोग प्रमाणपत्र दिया गया था. इस संबंध में खाद्य संरक्षा विभाग पटना के अभिहित पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि रसोई व खाद्य पदार्थ की ऑडिट करने वाली थर्ड पार्टी अगले महीने बिहार आएगी. इससे पहले तख्त हरिमंदिर की रसोई की कमियों को दूर करने पर काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बर्तन धोते समय वहा की व्यवस्थाएं काफी बेहतर हैं. इस कारण भोग प्रमाण पत्र के स्टैंडर्ड को भी पूरा करने में कोई समस्या नहीं आएगी.
क्या होता है भोग प्रमाणपत्रबता दें कि एफएसएसएआइ के ईट राइट कैंपस अभियान के अंतर्गत धार्मिक स्थलों पर मिलने वाले लंगर या प्रसाद या भोजन की स्वच्छता वे गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए भोग प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है. इसके तहत खाद्य संरक्षा विभाग ने मंदिरों, गुरुद्वारों, मस्जिदों व अन्य परिसर पर आसपास प्रसाद बेचने वालों को उनके खाद्य पदार्थ की क्वालिटी के आधार पर भोग प्रमाणपत्र देने की शुरुआत की थी.
क्या है भोग प्रमाणपत्र देने की प्रक्रियाभोग प्रमाण पत्र देने से पहले खाद्य संरक्षा पदाधिकारी प्रसाद बनाने की जगह का निरीक्षण करते हैं और हाइजीन, सैनिटाइजेशन जैसे मानकर परखते हैं और प्रसाद तैयार करने की सामग्री की गुणवत्ता की भी जांच करते हैं. अगर कमिया पाई जाती हैं तो उनमें सुधार कराया जाता है. तमाम तरह की जांच के बाद स्वतंत्र ऑडिट कंपनी दो बार निरीक्षण करती है और मानक पूरे पाए जाने पर भोग प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है.
ये भी पढ़ें
Patna Petrol Diesel Prices: क्या पटना में आज फिर सस्ता हो गया पेट्रोल-डीजल ? फटाफट चेक करे नए रेट