देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना वायरस महामारी एक बार फिर पैर पसारने लगी है. मुंबई में इस वक्त कोरोना के 14 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं. यानी इतने लोगों का इलाज चल रहा है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मुंबई में आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. शहर में पिछले 15 दिनों में ICU में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 5 गुना बढ़ी है. हालांकि, भर्ती किए गए अधिकांश मरीज 50 साल की उम्र से ज्यादा के हैं.


डराने वाले हैं ये आंकड़े


मुंबई के अस्पतालों में पांच जून को 24 मरीज आईसीयू में भर्ती थे, जबकि 20 जून को आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 125 हो गई. यानी 15 दिनों के भीतर पांच गुना मरीज बढ़ गए. इसी तरह ऑक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तरों पर मरीजों की संख्या उसी 15 दिनों की अवधि में 14 से बढ़कर 83 हो गई. 20 जून को 16 मरीजों का वेंटिलेटर में इलाज चल रहा था, जबकि 5 जून को केवल चार मरीज वेंटिलेचर पर थे.


कोरोना को लेकर न बरतें लापरवाही


डॉक्टर इन मामलों के पीछे कोरोना वायरस को लेकर लापरवाही, मास्क नहीं पहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने को कारण मान रहे हैं. अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस से एलएच हीरानंदानी अस्पताल, पवई में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज तुलारा ने बताया कि आईसीयू में प्रवेश की आवश्यकता वाले अधिकांश रोगी वे होते हैं, जो प्रतिरक्षाविहीन, वृद्ध और सहरुग्णता वाले होते हैं.” डॉक्टरों के मुताबिक, भर्ती मरीजों में से 90 फीसदी का टीकाकरण हुआ है, जिससे संक्रमण की गंभीरता को नियंत्रित करने में मदद मिली है.


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