Zomato के फाउंडर और सीईओ दीपिंदर गोयल ने बुधवार को यह जानकारी दी कि कंपनी को ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ पद के लिए 18,000 से ज्यादा आवेदन मिले हैं. इनमें से 30 कैंडिडेट्स को अलग-अलग पदों के लिए ऑफर दिया गया है. उन्होंने साफ किया कि "हमारे साथ काम करने के लिए किसी ने कोई पैसा नहीं दिया है."

क्या था 20 लाख रुपये वाली वैकेंसी का मामला?

नवंबर 2024 में, Zomato ने ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ पद के लिए एक अनोखी शर्त रखी थी, जिसमें उम्मीदवारों को पहले साल 20 लाख रुपये ‘फीडिंग इंडिया’ नामक नॉन-प्रॉफिट संस्था को दान देने के लिए कहा गया था. इसके साथ ही, Zomato ने कैंडिडेट की पसंद के किसी अन्य संगठन को 50 लाख रुपये का दान देने की भी पेशकश की थी.

दीपिंदर गोयल ने इस भूमिका को एक बेहतरीन सीखने का अवसर बताया था, जिसमें उम्मीदवार को "टॉप मैनेजमेंट स्कूल की दो साल की डिग्री की तुलना में 10 गुना ज्यादा सीखने का मौका" मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि इस पद पर काम करने वाले लोग सीधे उनके साथ और कस्टमर टेक्नोलॉजी के सबसे प्रतिभाशाली लोगों के साथ काम करेंगे.

इसे लेकर काफी विवाद हुआ था. कई लोगों ने इस भर्ती प्रक्रिया की आलोचना की थी और इसे "शोषणकारी" करार दिया था. उद्योगपति हर्ष गोयनका ने भी इस मॉडल की निंदा की थी. हालांकि, अब गोयल ने साफ किया है कि Zomato के साथ काम करने के लिए किसी उम्मीदवार से कोई पैसा नहीं लिया गया और कंपनी सही टैलेंट की तलाश में है.

2 चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त

दीपिंदर गोयल ने बताया कि चुने गए 30 लोगों में से 18 पहले से ही Zomato या ग्रुप की अन्य कंपनियों (जैसे Blinkit) में बड़ी भूमिकाओं में कार्यरत थे और उन्हें उनके योगदान के आधार पर अच्छा वेतन दिया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि 18 में से 4 लोग उनके साथ सीधे काम कर रहे हैं, जिनमें से 2 ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ पद पर नियुक्त किए गए हैं.

अभी जारी रहेगा भर्ती अभियान

दीपिंदर गोयल ने कहा कि "हमारा काम अभी खत्म नहीं हुआ है." 18,000 से ज्यादा आवेदनों में से अभी भी बेहतरीन और प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को चुना जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक बार का रिक्रूटमेंट नहीं है, बल्कि लंबे समय के लिए सही और काबिल लोगों में निवेश करने की प्रक्रिया है.

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