एक जमाना था जब बैंक पांच साल में बचत पर दोगुनी रकम देता था. पर वह वर्षों पुरानी बात हो गई. आजकल कोई भी बैंक बचत पर 3-4 प्रतिशत से ज्यादा ब्याज नहीं देता है. ऐसे में बैंकों के अलावा कई अन्य बचत योजना है जिनसे ज्यादा पैसे बनाए जा सकते हैं. उन्हीं में से एक है डाकघर बचत योजना. खास बात यह है कि डाकघर में पैसा डूबने की चिंता थोड़ी भी नहीं है क्योंकि सरकार इस जोखिम का शत प्रतिशत गारंटी देती है. लोगों को सबसे ज्यादा फिक्र इसी बात की रहती है कि पैसा कहीं डूब न जाए. इसमें पोस्ट ऑफिस ही ऐसा विकल्प है जहां गारंटीड रिटर्न मिलता है. निवेश पर अधिकतम बचत का सबसे बेहतर तरीका है डाकघर बचत योजना. पोस्ट ऑफिस यानी डाक घर की रिकरिंग डिपॉजिट (RD) इसका विकल्प है. यहां पैसे पर निश्चित ब्याज तो मिलेगा ही, साथ ही पैसा पूरा सेफ रहेगा. 


आरडी में ब्याज दर 5.8 प्रतिशत
डाक घर की डिपॉजिट पर भारत सरकार की सॉवरेन गारंटी होती है, जबकि बैंकों में जमा पर अधिकतम 5 लाख तक ही रकम सुरक्षित रहती है. इस तरह, हर महीने छोटी बचत को निवेश कर लाखों का फंड तैयार कर सकते हैं. डाक घर की रिकरिंग डिपॉजिट छोटी बचत को बढ़ावा देती है. आरडी की मेच्योरिटी 5 साल की होती है, लेकिन इसे 5-5 साल के लिए आगे भी बढ़ाया जा सकता है. डाक घर की आरडी में हर महीने न्यूनतम 100 रुपये जमा करना होता है. जमा 10 रुपये के गुणक में होना चाहिए. इसमें निवेश की अधिकतम सीमा नहीं होती है. आरडी पर ब्याज दर 5.8 प्रतिशत है. 


ऐसे बनेंगे प्रति महीने पांच हजार 3.48 लाख
अगर कोई व्यक्ति डाकघर में आरडी खाता खुलवाता है. डाकघर बचत पर अधिकतम ब्याजा देता है. आरडी योजना के तहत डाकघर आरडी पर 5.8 प्रतिशत की दर से ब्याज देगा. इतना ज्यादा ब्याज कोई बैंक नहीं देगा. ब्याज की गणना भी तिमाही आधार पर की जाती है. इस हिसाब से मान लीजिए एक व्यक्ति हर महीने डाक घर की आरडी खाते में 5000 रुपये का निवेश 5 साल तक करता है. चूंकि पांच साल में यह रकम मैच्योर हो जाएगी और ब्याज की दर 5.8 प्रतिशत है, इसलिए पांच साल के बाद उस को कुल मिलाकर 3.48 लाख रुपये मिलेंगे. 


डाकघर की कुछ अन्य सुविधाएं
डाकघर छोटी बचत पर कई तरह की अन्य सुविधाएं भी देता है. यहां आरडी में सिंगल अकाउंट और ज्वॉइंट अकाउंट दोनों की सुविधा है. आरडी स्कीम के तहत खाता खोलने की तारीख से 3 साल के बाद प्री-मैच्योर क्लोजर की सुविधा रहेगी. ब्याज दरों में तिमाही आधार पर बदलाव होता है. एक साल के बाद जमा रकम का 50 फीसदी तक एक बार लोन लेने की भी सुविधा है. जिसे ब्याज के साथ एकमुश्त रिपेमेंट किया जा सकता है.
 
पैसे रिटर्न की सरकार लेती है गारंटी 
अगर किसी परिस्थिति में अगर पोस्टल डिपार्टमेंट निवेशकों का रकम लौटाने में फेल हो जाए तो यहां सरकार आगे बढ़कर निवेशकों के पैसों की गारंटी लेती है. किसी स्थिति में भी पैसा यहां नहीं फंसता. पोस्ट ऑफिस स्कीम में जमा पैसों का इस्तेमाल सरकार अपने कामों के लिए करती है. इसी वजह से इन पैसों पर सरकार गारंटी भी देती है. दूसरी ओर, बैंक में रखे आपकी पूरी जमा पूंजी 100 फीसदी सेफ नहीं होती है. अगर कोई बैंक डिफॉल्टद कर जाता है तो उस स्थिति में DICGC यानी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन बैंक में कस्टमर्स के सिर्फ 5 लाख रुपये की सुरक्षा की गारंटी देता है. यह नियम बैंक के सभी ब्रांच पर लागू होता है. इसमें मूलधन और ब्याीज दोनों को शामिल किया जाता है. यानी अगर दोनों जोड़कर 5 लाख से ज्यादा है तो सिर्फ 5 लाख ही सुरक्षित माना जाता है.


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