इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरना वैसे तो उन लोगों के लिए अनिवार्य होता है जिनकी ग्रॉस इनकम आयकर विभाग की तय की गई सीमा से ज्यादा होती है. जिन लोगों की आय तय सीमा से कम होती है,उनके लिए आईटीआर भरना जरूरी नहीं होता है. फिलहाल जिनकी ग्रॉस टोटल इनकम 2.5 लाख रुपये सालाना है, उनके लिए आईटीआर भरना आवश्यक है. एक्सपर्ट्स के अनुसार 2.5 लाख रुपये से कम आय पर भी आईटीआर दाखिल करने से किसी तरह का नुकसान नहीं होता बल्कि कई फायदे होते हैं.

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आपकी आय यदि टैक्स के दायरे में नहीं है और आईटीआर भरते हैं तो यह आपकी इनकम का प्रूफ बन जाएगा. इससे बैंक से लोन लेने में आसानी रहती है. कई बैंक वाहन या घर के लोन के लिए दो साल के रिटर्न का प्रूफ भी मांगते हैं. ऐसे में रिटर्न भरना फायदेमंद रहता है.  ज्यादा टीडीएस कटने पर हो जाएगा रिफंड कई बार आपकी आय टैक्सेबल नहीं होने के बाद भी टैक्स एट सोर्स काट लिया जाता है. उदाहरण के तौर पर आपकी कुल आय 2.5 लाख से कम है लेकिन बैंक में एफडी पर 1 लाख रुपये की इनकम हो हो रही है तो बैंक द्वारा इस पर 10 परसेंट टैक्स काट लिया जाए. ऐसी  परिस्थिति में आईटीआर दाखिल करने से आपका काटा गया टैक्स रिफंड हो जाता है.

वीजा एप्लीकेशन में मिलती है मददवीजा के लिए आवेदन में आईटीआर का प्रूफ देने पर आवेदन के रिजेक्ट होने की संभावना कम हो जाती है. यह इस बात का प्रूफ देता कि एक जिम्मेदार नागरिक है. इस के अलावा कई देश वीजा के लिए आईटीआर की मांग भी करते हैं.

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ऐसी स्थिति में भी आईटीआर दाखिल करना जरूरी आपकी आय 2.5 लाख से कम होने पर भी कुछ विशेष स्थिति आईटीआर दाखिल करना जरूरी होता है. देश के बाहर कोई संपत्ति होने, करंट अकाउंट में 1 करोड़ रुपये से अधिक डिपॉजिट होने, एक साल में 1 लाख रुपये से ज्यादा बिजली बिल भरने और विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करने आईटीआर भरना जरूरी होता है.

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