नई दिल्ली: साल 2018 बिजनेस के क्षेत्र में काफी उठापटक वाला रहा. इस साल देश की कई नामी कंपनियों को कानूनी जांच के दायरे में आना पड़ा तो वहीं कुछ को फ्रॉड का भी सामना करना पड़ा. दूसरी और दुनियाभर के शेयर बजारों में मची हलचल की वजह से भी भारतीय बाजार में अस्थिरता का माहौल रहा. आज हम आपको ऐसी ही कुछ कंपनियों के बारे में बताते हैं, जो इस साल अलग अलग वजहों से काफी चर्चा में रही.


आईएलएंडएफएस- कर्ज चुकाने में नाकाम


पूरे आईएलएंडएफएस ग्रुप पर करीब 91100 करोड़ रुपये का कर्ज है. कंपनी के बॉन्ड्स में देश के करीब सभी म्युचुअल फंड्स, इंश्योरेंस कंपनियों और एनबीएफसी का पैसा लगा हुआ है. आईएलएंडएफएस के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि बाजार में आईएलएंडएफएस के बॉन्ड्स को खरीदार भी नहीं मिल रहे हैं. दरअसल कंपनी पर 91 हजार करोड़ का कर्ज है, जिसे चुकाने में कंपनी नाकाम रही है. ये पैसे बैंकों के हैं. कंपनी में म्युचुअल फंडों का भी पैसा लगा है और पेंशन और प्रोविडेंड फंड का भी पैसा लगा है. आईएलएंडएफएस पुराने कर्ज चुकाने में बार-बार डिफॉल्ट हो रही है.


पंजाब नेशनल बैंक- दो ठगों ने लगाया 11 हजार करोड़ से ज्यादा का चूना


इस साल देश की संसद से लेकर सड़क तक पीएनबी घोटला चर्चा का सबसे हॉट टॉपिक रहा है. आरोप है कि पंजाब नेशनल बैकं के दो अधिकारियों की मिलीभगत से नीरव मोदी और उनके सहयोगियो ने साल 2017 में विदेश से सामान मंगाने के नाम पर बैंकिंग सिस्टम में जानकारी डाले बिना ही आठ एलओयू जारी करवा दिए, जिससे बैंक को 280 करोड रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ. हालांकि ये पूरा घोटाला 11 हजार 500 करोड़ का है. मेहुल चोकसी और नीरव मोदी पर इस घोटाले का आरोप है. मेहुल चोकसी जूलरी किंग और नीरव मोदी डायमंड किंग के नाम से मशहूर हैं.


फ्लिपकार्ट- पहले तो हिस्सेदारी बेचने का विरोध फिर सीईओ घिरे यौन उत्पीड़न के आरोप में


अमेरिकी कम्पनी वॉलमार्ट ने भारत के छोटे शहरों में भी अपने स्टोर खोलने और अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए ऑनलाइन कंपनी फ्लिपकार्ट से समझौता किया था. जिसके बाद छोटे व्यापारियों ने सड़कों पर उतरकर इसका विरोध प्रदर्शन किया था. वहीं दूसरी और फ्लिपकार्ट के सीईओ और फाउंडर बिन्नी बंसल पर भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगे. आरोप लगने के बाद बिन्नी बंसल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.


फोर्टिस- जब ताले पर ही लगा तिजोरी में घपला करना का आरोप


इस साल हेल्थ केयर की नामी कंपनी फोर्टिस को भी काफी परेशानियों से गुजरना पड़ा जिस वजह से कंपनी को साख को काफी नुकसान हुआ. देश के नामचीन उद्योगपतियों में से एक मलविंदर मोहन सिंह और उनके छोटे भाई शिविंदर मोहन सिंह को फोर्टिस अस्पताल के कंपनी बोर्ड से इस्तीफा देना पड़ा. उन्होंने ही मिलकर फोर्टिस अस्पताल की आधारशिला रखी थी. फोर्टिस के प्रमोटर मालविंदर मोहन सिंह और शिवेंदर मोहन सिंह पर आरोप था कि उन्होंने बोर्ड की मंजूरी के बगैर करीब 7.8 करोड़ डॉलर यानी करीब 500 करोड़ रुपये निकाल लिए थे.


वॉलमार्ट- बिजनेस में एंट्री पर हैं ये हालात तो आगे क्या होगा?


रिटेल की प्रमुख अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट इंक ने भारत में अमेज़न को टक्कर देने के लिए इस साल फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का एलान किया था. इस पर वह 16 अरब डॉलर यानी 1.07 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इससे अमेरिकी कंपनी की भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर में पहुंच हो जाएगी जिसके एक दशक के भीतर 200 अरब डॉलर तक की वृद्धि करने का अनुमान है. लेकिन इस डील का भारत में काफी बड़े पैमाने पर विरोध किया गया. दिल्ली से लेकर प्रयागराज तक व्यापारियों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.