World Inequality Report 2026: देश में अमीर और गरीब के बीच खाई लगातार बढ़ती जा रही है. इस बात को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है.  लेटेस्ट वर्ल्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट 2026 के मुताबिक, भारत में आय असमानता दुनिया में सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि, देश की कुल संपत्ति का बड़ा हिस्सा कुछ ही लोगों के पास है.

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भारत के टॉप 10 फीसदी अमीर लोगों के पास करीब 65 प्रतिशत संपत्ति है, जबकि टॉप 1 प्रतिशत आबादी लगभग 40 फीसदी संपत्ति के हिस्से पर मालिकाना हक रखती है. रिपोर्ट के आंकड़े साफ दिखाते हैं कि, देश में अमीर और ज्यादा अमीर होता जा रहा है. देश में संपत्ति का बंटवारा बेहद असंतुलित है. 

क्या कहती है रिपोर्ट?

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वर्ल्ड इनइक्वैलिटी रिपोर्ट 2026 को अर्थशास्त्री लुकास चैंसेल, रिकार्डो गोमेज कारेरा, रोवाइदा मोश्रिफ और थॉमस पिकेट्टी ने मिलकर तैयार किया है. वर्ल्ड इनइक्वैलिटी रिपोर्ट की यह तीसरी रिपोर्ट है. इससे पहले साल 2018 और 2022 में यह रिपोर्ट जारी की गई थी.

दुनिया भर के 200 से ज्यादा रिसर्चर्स द्वारा जुटाए गए डेटा के आधार पर इसे तैयार किया गया है. जिसके अनुसार, भारत दुनिया में आय असमानता को लेकर पहले स्थान पर हैं. साथ ही देश की 40 फीसदी संपत्ति पर केवल 1 प्रतिशत लोगों का मालिकाना हक है. 

भारत में आय और जेंडर असमानता बनी बड़ी चुनौती

जी न्यूज हिंदी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, अर्थशास्त्री जयति घोष और जोसेफ स्टिग्लिट्ज़ की रिपोर्ट बताती है कि देश में प्रति व्यक्ति औसत सालाना आय करीब 6,200 यूरो (PPP) और औसत संपत्ति लगभग 28,000 यूरो (PPP) है. यह आंकड़े बताते हैं कि आम लोगों की आय और संपत्ति दोनों ही काफी सीमित हैं. 

साथ ही महिलाओं की कार्यों में भागीदारी भी सिर्फ 15.7 फीसदी के आंकडे पर है. पिछले 10 सालों में इसमें कोई सुधार नहीं हुआ है. रिपोर्ट का मानना है कि भारत में आय, संपत्ति और जेंडर तीनों ही स्तरों पर गहरी असमानता मौजूद है. 

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