Windfall Tax: केंद्र सरकार ने ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए पेट्रोलियम क्रूड को सस्ता कर दिया है और इसके दाम 4100 रुपये प्रति टन से घटाकर शून्य कर दिए हैं. इस तरह क्रूड पर विंडफॉल टैक्स को खत्म कर दिया है और ये राहत आज से लागू हो गई है. केंद्र सरकार के एक नोटिफिकेशन के मुताबिक ये जानकारी मिली है. सरकार ने पहली बार पिछले साल जुलाई में ही इस विंडफॉल टैक्स को लगाया था और तब से ये ही सिलसिला चल रहा है.
पेट्रोल, डीजल और एटीएफ पर जानें विंडफॉल टैक्स
केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल पर विंडफॉल टैक्स को शून्य पर ही छोड़ा है. हर 15 दिन में तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव के आधार पर सरकार तेल के ऊपर विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है और इसमें बदलाव करती है.
जानें पिछली बार कैसे रहा था विंडफॉल टैक्स
1 मई को सरकार ने पेट्रोलियम क्रूड पर विंडफॉल टैक्स को घटाकर 4100 रुपये प्रति टन कर दिया था जिसे डॉलर में देखा जाए तो 50.14 डॉलर प्रति टन पर रखा गया. 19 अप्रैल को क्रूड पर लगने वाली लेवी को 6400 रुपये प्रति टन किया गया था. इसके अलावा और पीछे की बात की जाए तो 4 अप्रैल को सरकार ने क्रूड पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को 3500 रुपये प्रति टन से घटाकर शून्य कर दिया था.
क्यों लगाया गया था ये विंडफॉल टैक्स
भारत में जुलाई 2022 में पहली बार विंडफॉल टैक्स को लगाया गया था और ये क्रूड ऑयल उत्पादकों पर इसलिए लगाया गया था जिससे गैसोलीन, डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल को देश से बाहर बेचने पर मिले लाभ पर लेवी ली जा सके. दरअसल निजी रिफाइनरीज अंतराष्ट्रीय बाजार में बेचने के जरिए इन पेट्रोलियम उत्पादों पर ज्यादा मुनाफा कमा रही थी और घरेलू बाजार की बजाए वहां ऑयल प्रोडक्ट्स बेचने की कोशिशों में थी जिसे कम करने के लिए सरकार ने ये विंडफॉल टैक्स लगाया.
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