Windfall Tax in India: केंद्र सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल (Crude Oil) पर विंडफॉल टैक्स (Windfall Tax) को घटाकर 2,100 रुपये प्रति टन कर दिया है. अभी तक विंडफॉल टैक्स के रूप में 4,600 रुपये प्रति टन लिया जा रहा था. सरकार ने डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) के एक्सपोर्ट पर विंडफॉल टैक्स शून्य रखा है. केंद्र सरकार ने लगातार दूसरी बार घरेलू क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स घटाया है. 

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31 जुलाई को 7 हजार से घटाकर किया था 4,600 रुपये प्रति टन 

इससे पहले 31 जुलाई को सरकार ने स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED) या विंडफॉल टैक्स को 7,000 रुपये से घटाकर 4,600 रुपये प्रति टन कर दिया था. इसमें लगभग 34 फीसदी की कटौती की गई थी. साथ ही डीजल और एटीएफ पर विंडफॉल टैक्स को जीरो पर बरकरार रखा गया था. इसका मतलब हुआ कि घरेलू रिफाइनरों को डीजल, पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर मिल रही छूट आगे भी बरकरार रहने वाली है. इससे उन घरेलू कंपनियों को फायदा होता रहेगा, जो रिफाइनरी चलाती हैं और अधिक मुनाफे के लिए डीजल-पेट्रोल व एटीएफ जैसे रिफाइंड प्रोडक्ट को देश के बाहर के बाजारों में बेचती हैं.

जुलाई 2022 में भारत सरकार ने शुरू किया था विंडफॉल टैक्स

विंडफॉल टैक्स को जुलाई 2022 में भारत सरकार ने शुरू किया था. शुरुआत में इसे सिर्फ देश के ऑयल प्रोड्यूसर्स पर लगाया जाता था. मगर, इसके बाद इसे पेट्रोल, डीजल और एटीएफ एक्सपोर्ट पर भी लगाया जाने लगा. सरकार विंडफॉल टैक्स को लगाकर प्राइवेट रिफाइनर्स को इन ईंधनों को विदेशों में ऊंची कीमतों पर बेचने से हतोत्साहित करना चाहती है. सरकार की कोशिश है कि प्राइवेट रिफाइनर्स घरेलू मार्केट में सप्लाई को प्राथमिकता दें. 

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बड़ा मुनाफा कमाने वाली इंडस्ट्री पर लगाया जाता है यह टैक्स

इंटरनेशनल क्रूड ऑयल और प्रोडक्ट की कीमतों में उतार-चढ़ाव के आधार पर हर पखवाड़े विंडफॉल टैक्स में बदलाव किया जाता है. सरकार द्वारा विंडफॉल टैक्स तब लगाया जाता है, जब कोई इंडस्ट्री अप्रत्याशित रूप से बड़ा मुनाफा कमाती है. दुनिया में सबसे ज्यादा ऑयल की खपत करने वाले चीन से डिमांड घटने की चिंता और मिडिल ईस्ट में घटते तनाव के बीच क्रूड ऑयल की कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे कारोबार कर रही हैं.

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