8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को 8वें वेतन आयोग के लिए Terms of Reference (ToR) को मंजूरी दे दी है. यह एक तीन सदस्यीय कमेटी है, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति रंजना देसाई करेंगी. इसके बाद से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की उम्मीदें काफी बढ़ गई है. ऐसा बताया जा रहा है कि करीब 69 लाख केंद्रीय पेंशनर्स और पारिवारिक पेंशनर्स को आठवें वेतन आयोग के दायरे से बाहर रखा जाएगा.
फेडरेशन ने वित्त मंत्री से लगाई गुहार
ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉइज फेडरेशन (AIDEF) ने यह मुद्दा उठाया गया है और इसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है. उनका कहना है कि नए वेतन आयोग के लागू होने से पहले सेवानिवृत्त हो चुके या सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को आयोग में शामिल न किया जाना गलत है. वित्त मंत्री को लिखे पत्र में AIDEF ने कहा है कि जो लोग तीन दशक से ज्यादा लंबे समय से देश की सेवा कर चुके हैं, उन्हें 8वें वेतन आयोग की टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) में शामिल न करना दुर्भाग्यपूर्ण है. फेडरेशन के मुताबिक,पेंशन रीविजन पेंशनर्स का अधिकार है और उन्हें इससे दूर रखना 'नाइंसाफी' है.
हालांकि, ऑफिशियल नोटिफिकेशन में इस बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है. अधिसूचना में जिन कर्मचारियों की सैलरी और अलाउंस की समीक्षा की जाएगी, वे कुछ इस प्रकार हैं-
- केंद्र सरकार के कर्मचारी: इंडस्ट्रियल और नॉन इंडस्ट्रियल
- ऑल इंडिया सर्विसेज से जुड़े कर्मचारी
- डिफेंस फोर्सेज से जुड़े कर्मचारी
- केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी
- इंडियन ऑडिट और अकाउंट डिपार्टमेंट के अधिकारी एवं कर्मचारी
- RBI को छोड़कर संसद के अधिनियमों के तहत स्थापित नियामक निकायों के सदस्य
- सर्वोच्च न्यायालय के अधिकारी एवं कर्मचारी
- हाई कोर्ट के अधिकारी और कर्मचारी जिनकी सैलरी पर खर्च संघ शासित प्रदेशों द्वारा वहन किया जाता है
- संघ शासित प्रदेशों के अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारी
अभी थोड़ा और इंतजार
यूनियन का कहना है कि 8वें वेतन आयोग का Terms of Reference 7वें वेतन आयोग से अलग है. 7वें वेतन आयोग में पेंशन में संशोधन किए जाने का प्रावधान है, लेकिन 8वें वेतन आयोग से इसे हटा दिया गया है. ऐसे में रिटायर हो चुके कर्मचारियों का नाराज होना लाजिमी है. हालांकि, फिलहाल इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता है.8वां वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट बनाने में लगभग 18 महीने का वक्त लगेगा. इसके बाद ही यह तय होगा कि कर्मचारियों और पेंशनर्स का पे स्ट्रक्चर कैसा होगा, पेंशन या सैलरी कितनी बढ़ेगी, पेंशनर्स को लाभ मिलेगा या नहीं वगैरह.
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