दैनिक रोजमर्रा के खर्च में बिल भरने से लेकर शॉपिंग तक क्रेडिट कार्ड आज जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है. लगातार बढ़ते डिजिटल ट्रांजेक्शन में यूपीई पेमेंट के साथ ही क्रेडिट कार्ड की भी बहुत अहम भूमिका रही. लेकिन क्रेडिट कार्ड से खर्च में कमी आ रही है.  

जी हां, पिछले आठ महीने के दौरान सबसे कम क्रेडिट कार्ड से खर्च लोगों ने फरवरी के महीने में किया है. रिजर्व बैंक के मुताबिक, फरवरी के महीने में क्रेडिट कार्ड से सिर्फ 1.67 लाख करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं. हालांकि, क्रेडिट कार्ड से कम खर्च का ये आंकड़ा उस महीने का है जब अधिकतर स्टूडेंट्स अपने बोर्ड एग्जाम को लेकर व्यस्त थे, जबकि नए क्रेडिट कार्ड जारी करने की संख्या आधी हो गई है.

इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक, जनवरी में 8.2 लाख क्रेडिट कार्ड जारी किए गए थे, जो फरवरी में 4.4 लाख हो गए.

इसके अलावा, शेयर बाजार में पिछले दो महीने में गिरावट की इसकी एक मुख्य वजह रही. उससे पहले लोगों ने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल उस वक्त किया जब उनके शेयर में निवेश ने शानदार परफॉर्म किया. लेकिन, शेयर बाजार में लगातार गिरावट का दौर है, ऐसे में ज्यादातर ने खरीददारी से खुद को परहेज किया है, खासकर मेट्रोपॉलिटन शहरों में.      

क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बडे़ बैंक जैसे- एसबीआई, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई से कुछ ही नए कस्टमर जनवरी के फरवरी के महीने में जुड़े. हालांकि, कुल कार्ड की संख्या जिसका इस्तेमाल हुआ वो जनवरी के 10.88 करोड़ के मुकाबले थोड़ा बढ़कर फरवरी में 10.93 करोड़ हो गई. 

बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, उपभोक्ताओं की खर्च की आदतें भी बदलने लगी हैं. अब लोग स्टोर्स पर कार्ड्स से भी भुगतान कम कर रहे हैं, जो जनवरी में 69,429 करोड़ से घटकर फरवरी में 62,124 करोड़ हो गया. जबकि, ऑनलाइन भुगतान में भी कमी देखी जा रही है, जो जनवरी में 1.15 लाख करोड़ से घटकर फवरी में 1.05 लाख करोड़ हो गया. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये इंडस्ट्री लगातार आगे बढ़ेगी लेकिन धीमी रफ्तार से, क्योंकि कड़े उधार लेन-देन पॉलिसी, उपभोक्ता के बढ़ते ऋण और आर्थिक अनिश्चितताओं की वजह से.

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