नई दिल्लीः महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी राहत की खबर आई है. थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर दिसंबर में आठ महीने के निचले स्तर पर चली गई है और 3.80 फीसदी हो गई है. नवंबर में थोक महंगाई दर 4.64 फीसदी थी. जबकि दिसंबर 2017 में यह 3.58 फीसदी थी. दिसंबर की 3.80 फीसदी की महंगाई दर पिछले आठ महीनों में सबसे कम है. इससे पहले अप्रैल में यह 3.62 फीसदी पहुंची थी. इसकी अहम वजह फ्यूल और खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतें कम होना है.

खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई दर सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में खाने पीने की चीजों की महंगाई 0.07 फीसदी घटी है. जबकि नवंबर में इसमें- 3.31 फीसदी की गिरावट देखी गई थी. इसी तरह सब्जियों की कीमतों में भी गिरावट रही, हालांकि दिसंबर में यह -17.55 फीसदी रही, जबकि नवंबर में यह -26.98 फीसदी थी.

फ्यूल और एनर्जी सेक्टर फ्यूल और एनर्जी सेक्टर में दिसंबर में महंगाई दर घटकर 8.38 फीसदी रही जो नवंबर की 16.28 फीसदी महंगाई दर के मुकाबले लगभग आधी है. इसकी अहम वजह दिसंबर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आना है. अलग-अलग देखें तो दिसंबर में पेट्रोल कीमतों की महंगाई दर 1.57 फीसदी और डीजल कीमतों की 8.61 फीसदी रही है. वही एलपीजी में यह 6.87 फीसदी रही.

सब्जियों, दालों की महंगाई दर खाने-पीने की वस्तुओं में पिछले महीने के मुकाबले आलू दिसंबर में सस्ते हुए. दिसंबर में आलू कीमतों में महंगाई दर की दर 48.68 फीसदी रही जो नवंबर में 86.45 फीसदी थी. प्याज कीमतों में दिसंबर में -63.83 फीसदी गिरावट दर्ज की गई जो नवंबर में -47.60 फीसदी थी. दालों में महंगाई दर की दर 2.11 फीसदी रही, वहीं अंडा, मांस और मछली में यह दर 4.55 फीसदी रही.

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर के आंकड़ों को दिन में बाद में जारी किया जा सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति तय करने के लिए खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों का ही इस्तेमाल करता है.

जानें क्या होता है 'ब्लैक बजट', आजाद भारत में क्यों सिर्फ एकबार ही किया गया है पेश?

अंतरिम बजट 2019: टैक्सपेयर्स को मिल सकता है तोहफा, बढ़ सकती है इनकम टैक्स छूट की लिमिट