Wheat Price Increase: केंद्र की मोदी सरकार ने भले ही गेंहू आयात करने की खबरों का खंडन कर दिया है. लेकिन घरेलू बाजार में गेंहू के उत्पादन में कमी के बाद कीमतों में फिर से उछाल देखी जा रही है. त्योहारों का सीजन दस्तक देने को है. त्योहारों के सीजन में गेंहू की मांग बढ़ जाती है. लेकिन पिछले एक हफ्ते में गेंहू की कीमतों में 4 फीसदी का उछाल आया है. गेंहू के महंगा होने का मतलब है कि आपकी थाली की रोटी महंगी हो जाएगी क्योंकि आटा और महंगा हो जाएगा. जानकारों का मानना है कि मांग बढ़ने के चलते गेंहू की कीमतों में और ज्यादा उछाल संभव है.  


सरकार ने किया गेंहू के आयात से इंकार
इसी हफ्ते खबरें सामने आई कि गेंहू के उत्पादन में कमी, सरकारी खरीद में गिरावट के बाद 14 सालों में पहली बार सरकार गेंहू के आयात पर विचार कर रही है. इतना ही गेंहू के आयात पर लगने वाले इंपोर्ट ड्यूटी के घटाने पर भी विचार किया जा रहा है. लेकिन सरकार ने फौरन इस खबरों का खंडन करते हुए कहा कि गेंहू के आयात की कोई योजना नहीं है. 


गेंहू के उत्पादन में कमी 
हाल ही में जारी चौथे एडवांस एस्टीमेट में कृषि मंत्रालय ने कहा है कि 2021-22 में 106.84 मिलियन टन गेंहू के उत्पादन का अनुमान है जो 111 मिलियन टन के पहले के अनुमान से कम है. संसद के मानसून सत्र में कृषि मंत्री ने कहा था कि एक जुलाई, 2022 तक सरकार के पास 285.10 लाख मेट्रिक टन गेंहू का स्टॉक है जो बफर स्टॉक की सीमा 275.80 लाख मेट्रिक टन से ज्यादा है. माना जा रहा है कि निजी ट्रेडरों के द्वारा भारी खरीद के चलते गेंहू की सरकारी खरीद कम रही है. वहीं कृषि मंत्रालय ने कहा है कि 2021-22 में 106.84 मिलियन टन गेंहू के उत्पादन का अनुमान है जो 111 मिलियन टन के पहले के अनुमान से कम है. 


गेंहू के निर्यात पर है रोक 
इससे पहले सरकार ने मई महीने में गेंहू के उत्पादन में कमी के बाद गेंहू के निर्यात पर रोक लगा दिया था. जिससे घरेलू बाजार में बढ़ती कीमतों पर काबू पाई जा सके. 


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