पतंजलि का दावा है कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की अगुवाई में पतंजलि भारत का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक ब्रांड बन चुका है, अब यह अपने बिजनेस के अगले चरण में कदम रखने को तैयार है. पतंजलि ने हाल ही में घोषणा की है कि साल 2025 तक वह 10000 वेलनेस हब्स खोलेगी, जहां योग, आयुर्वेद और देसी प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा. यह कदम आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में बड़ा प्रयास है.

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पतंजलि फूड्स, जो अब लिस्टेड कंपनी है, ने बताया, ''अगले चार सालों में फूड और एफएमसीजी सेगमेंट का रेवेन्यू 30% से बढ़ाकर 50% करने का लक्ष्य है. यह बदलाव कंपनी को एक पूर्ण एफएमसीजी ब्रांड में बदल देगा. पतंजलि का फोकस अब नए इनोवेशन्स पर है. कंपनी प्रीमियम बिस्किट्स, कुकीज, ड्राई फ्रूट्स और स्पाइसेस लॉन्च करने वाली है, जिनका मार्जिन 11.5% तक पहुंचेगा. इसके अलावा, न्यूट्रास्यूटिकल्स और हेल्थ सप्लीमेंट्स की रेंज बढ़ाई जा रही है, जो ऑर्गेनिक फूड्स और वेलनेस सर्विसेज पर जोर देगी.'' 

पूरी दुनिया में उपलब्ध होंगे पतंजलि प्रोडक्ट्स- बाबा रामदेव

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बाबा रामदेव ने कहा है, ''अगले 5-10 सालों में पतंजलि प्रोडक्ट्स पूरी दुनिया में उपलब्ध होंगे. यह ग्लोबल एक्सपैंशन आयुर्वेद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाएगा, जहां मार्केट 2035 तक 77 बिलियन डॉलर का हो जाएगा.'' पतंजलि का कहना है कि होम एंड पर्सनल केयर (एचपीसी) सेगमेंट में भी तेज ग्रोथ की उम्मीद है. फुल इंटीग्रेशन के बाद यह 10-12% सालाना बढ़ेगा. पतंजलि ने हाल ही में ग्रुप की नॉन-फूड बिजनेस को 1100 करोड़ में खरीदा है, जो प्रोडक्ट मिक्स को मजबूत करेगा.''

पतंजलि ने बताया, ''कंपनी की ओम्नी-चैनल रिटेल स्ट्रैटेजी, जिसमें परफॉर्मेंस मार्केटिंग, एसईओ और इन्फ्लुएंसर कैंपेन शामिल हैं - डिजिटल और ट्रेडिशनल तरीकों का बेहतरीन मेल है. इससे ग्राहकों तक पहुंच आसान हो जाएगी. सस्टेनेबिलिटी पर भी जोर है. पतंजलि ऑयल पाम प्लांटेशन को 87,000 हेक्टेयर से बढ़ाकर 5 लाख हेक्टेयर करने का प्लान कर रही है, जो एडिबल ऑयल मार्जिन को 4% पर स्थिर रखेगा. ईबीटीडीए मार्जिन 5.9% पर सेटल होगा, और रेवेन्यू में 7% से 10% की सीएजीआर ग्रोथ होगी. फ्रैंचाइजी मॉडल से भी विस्तार हो रहा है, खासकर हेल्थ एंड वेलनेस सेक्टर में.''

हेल्थ रेवोल्यूशन का प्रतीक बनेगा पतंजलि का सफर- बाबा रामदेव

बाबा रामदेव का मानना है, ''एथिकल बिजनेस और सस्टेनेबल ग्रोथ से पतंजलि का मार्केट कैप 100,000 करोड़ से 500,000 करोड़ तक पहुंचेगा. यह नया अध्याय न सिर्फ बिजनेस को बढ़ाएगा, बल्कि आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाएगा. पतंजलि का यह सफर भारत के हेल्थ रेवोल्यूशन का प्रतीक बनेगा.''