ऐसे वक्त, जब आर्थिक गतिविधियां धीमी हो गई हों और निवेश में जोखिम बढ़ गया हो तो लोग सुरक्षित रिटर्न वाले म्यूचुअल फंड की ओर रुख कर रहे हैं. लिहाजा, ब्लू चिप म्यूचु्अल फंडों के बारे में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ गई है.


आखिर ब्लू चिप फंड हैं क्या? क्या ये म्यूचुअल फंड की कैटेगरी है? दअसल ब्लू चिप फंड लार्ज कैप फंड होते हैं. सेबी के मुताबिक ब्लू चिप फंड की कोई अलग कैटेगरी नहीं होती. कई लार्ज कैप फंड को ब्लू चिप फंड का नाम दे दिया जाता है. इससे लगता है कि ब्लू चिप फंड म्यूचुअल फंड की कोई अलग कैटेगरी है. सेबी ने आधिकारिक तौर पर ब्लू चिप फंड की किसी कैटेगरी को मंजूरी नहीं दी है.


कुछ लार्ज कैप फंड्स को ब्लू चिप फंड नाम दे दिया जाता है. जैसे आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल ब्लूचिप फंड, एक्सिस ब्लू चिप फंड आदि. कुछ स्कीमें अपने नाम के बाद इमर्जिंग ब्लूचिप शब्द का इस्तेमाल करती हैं. जैसे मिराय एसेट इमर्जिंग ब्लू चिप फंड.


निवेश करते वक्त इस चीज का ध्यान रखें सिर्फ ब्लूचिप के नाम से कोई फंड न चुनें. यह भी ध्यान रखें कि ब्लूचिप  नाम होने भर से यह जरूरी नहीं कि ये लार्ज कैप फंड ही होंगे.


कितना जोखिम भरा है ब्लू चिप फंड्स में निवेश?


दरअसल ब्लूचिप कंपनी उन कंपनियों को कहते हैं कि जिनका आकार बहुत बड़ा होता है और आर्थिक तौर पर ये बहुत मजबूत होते हैं. माना जाता कि इनके शेयरों में उठापटक बहुत कम होती है. इसलिए इसमें स्थिर और सुरक्षित रिटर्न मिलता है. लार्ज कैप म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए निवेशकों से जुटाई गई रकम का कम से कम 80 फीसदी टॉप 100 कंपनियों में निवेश करना जरूरी है. ये टॉप कंपनियां मुख्य रूप से ब्लूचिप कंपनियों की परिभाषा पर खरी उतरती हैं.


ब्लूचिप या लार्ज कैप म्यूचुअल फंड्स में उन निवेशकों को निवेश करने की सलाह दी जाती है, जो ज्यादा जोखिम नहीं ले सकते. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन स्कीमों में कम से कम पांच से सात साल के टाइम पीरियड को ध्यान में रख कर निवेश करना चाहिए.