Vodafone Idea: टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (VIL) आर्थिक परेशानियों से घिरी हुई है और भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. कंपनी ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) को बताया है अगर सरकार ने वक्त रहते बकाए AGR (Adjusted Gross Revenue) पर मदद नहीं की, मार्च 2026 के बाद भारत में कंपनी का कारोबार करना मुश्किल हो जाएगा.
कंपनी को मजबूरन जाना पड़ सकता है NCLT
कर्ज में डूबी कंपनी ने सरकार को इस बात के लिए भी आगाह किया है कि अगर सरकार ने मदद नहीं की, तो उसे दिवालियापन कार्यवाही के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (National Company Law Tribunal - NCLT) का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा. 17 अप्रैल 2025 को VIL के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने DoT सचिव को लिखी चिट्ठी में कंपनी ने सरकार से मदद की मांग की.
कंपनी ने यह भी दावा किया है कि 26,000 करोड़ रुपये के इक्विटी इन्फ्यूजन और और सरकार के बकाये को इक्विटी में बदलने के बावजूद आर्थिक तंगी की मार झेल रही कंपनी को बैंकों से कोई मदद नहीं मिली है. बता दें कि VIL में अभी सबसे अधिक 49 परसेंट की हिस्सेदारी सरकार के पास है. कंपनी के बकाये को इक्विटी में बदलने के बाद यह हिस्सा सरकार को मिला है.
सरकार से जल्द से जल्द मदद की है जरूरत
DoT सचिव को लिखी चिट्ठी में कंपनी ने कहा कि AGR मामले में अगर सरकार ने तुरंत मदद नहीं की, तो बैंक फंडिंग की बात आगे नहीं बढ़ेगी और बैंक कंपनी को लोन नहीं देंगे. कंपनी का कामकाज ठप्प हो जाएगा. कंपनी ने यह भी कहा कि अगर कंपनी दिवालिया हो जाती है तो न केवल कंपनी की सेवाएं थोड़े समय के लिए बाधित होगी, बल्कि सरकार की इसमें 49 परसेंट की हिस्सेदारी का मूल्य भी शून्य तक गिर सकता है. इसके चलते कंपनी से स्पेक्ट्रम बिक्री के 1.18 लाख करोड़ रुपये बकाए की वसूली नहीं हो पाएगी.
अभी भी इतना है बकाया
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में कंपनी ने AGR बकाए पर 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की छूट की मांग की है. इस याचिका पर 19 मई को सुनवाई होने की संभावना है. बता दें कि सरकार के स्पेक्ट्रम और एजीआर बकाया के एक हिस्से को इक्विटी में बदलने करने के बाद भी वोडाफोन आइडिया पर अभी भी 1.95 लाख करोड़ रुपये का भारी भरकम बकाया है.
AGR क्या होता है?
एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) टेलीकॉम कंपनियों से संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा लिया जाने वाल यूजेज और लाइसेंसिंग फीस है.
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